
मकर संक्रांति के रोचक तथ्य
मकर संक्रांति भारत के सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन त्योहारों में से एक है। यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि इसमें वैज्ञानिक और खगोलीय तथ्य भी छिपे हुए हैं। आइए जानते हैं मकर संक्रांति से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
1. सूर्य देव की पूजा का पर्व
मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा की जाती है। यह एकमात्र ऐसा हिंदू त्योहार है जो सूर्य देव की आराधना के लिए मनाया जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं।
2. दिन-रात की समानता की शुरुआत
मकर संक्रांति से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। इसे मौसम परिवर्तन का संकेत माना जाता है और यह समय रबी फसलों की कटाई के लिए भी उपयुक्त होता है।
3. तिल और गुड़ का महत्व
मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ के व्यंजन बनाने और बांटने का रिवाज है। यह मीठे संबंधों और स्वास्थ्य का प्रतीक है। तिल और गुड़ दोनों ही सर्दियों में शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं।
4. अलग-अलग नामों से प्रसिद्ध
मकर संक्रांति को भारत के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न नामों से जाना जाता है। जैसे:
- पोंगल (तमिलनाडु)
- लोहड़ी (पंजाब)
- उत्तरायण (गुजरात)
- माघ बिहू (असम)
- खिचड़ी पर्व (उत्तर प्रदेश और बिहार)
5. पतंगबाजी का महत्व
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा काफी लोकप्रिय है। खासतौर पर गुजरात और राजस्थान में इस दिन आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से भर जाता है। इसे सकारात्मकता और खुशी का प्रतीक माना जाता है। ध्यान रहे पतंग उड़ाने के लिए खुले मैदान का चुनाव करें और चाइनीज मांझा का इस्तेमाल कदापि न करे और न ही करने दे ,तुरंत पुलिस को सूचित करे यह जानलेवा है
6. खगोलीय महत्व
मकर संक्रांति खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन सूर्य का मकर रेखा की ओर झुकाव शुरू होता है। इसे पृथ्वी की गति और सूर्य की स्थिति के आधार पर वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित किया गया है।
7. गंगा स्नान का महत्व
इस दिन गंगा स्नान को बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान करने से सारे पाप समाप्त हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।
8. दान-पुण्य का पर्व
मकर संक्रांति पर दान का विशेष महत्व है। खासतौर पर तिल, गुड़, चावल और कपड़ों का दान करने की परंपरा है। इसे समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है।
मकर संक्रांति न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रकृति और मानव के बीच के संतुलन को भी दर्शाता है। इस पर्व को उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाएं और इसके रोचक तथ्यों को दूसरों के साथ साझा करें।