मदरसा फर्जीवाड़े में समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक पर मुकदमा
गोंडा: सिर्फ कागजों पर चले मदरसे, शिक्षकों के मानदेय के करोड़ों हड़पे
800 शिक्षकों की फर्जी तैनाती और करोड़ों का घोटाला
जांच के दौरान यह पाया गया कि 800 शिक्षकों की तैनाती दिखाकर करोड़ों रुपये का मानदेय निकाला गया। यह सारा फर्जीवाड़ा केवल कागजों में किया गया। मदरसों को संचालित करने की प्रक्रिया में गड़बड़ियों ने सरकारी योजनाओं की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक पर मुकदमा
भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एसीओ) ने तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह और कनिष्ठ लिपिक शमीम अहमद पर केस दर्ज कराया है। अमरजीत सिंह फिलहाल लखनऊ में समाज कल्याण विभाग में उपनिदेशक हैं।
अमरजीत सिंह का कार्यकाल और फर्जीवाड़े का खुलासा
एसीओ के निरीक्षक धनंजय कुमार सिंह की जांच के अनुसार, 2013 से 2015 तक अमरजीत सिंह गोंडा के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी थे। उनके कार्यकाल में कनिष्ठ लिपिक शमीम अहमद ने नियमों के विपरीत मदरसों को मान्यता और पंजीकरण दिलाने में भूमिका निभाई।
अमरजीत सिंह का बयान
इस मामले पर अमरजीत सिंह ने कहा, “शमीम अहमद से हमारा कोई संबंध नहीं है और न ही इस मामले में हमारी कोई भूमिका है। जांच टीम ने जब भी मुझसे जानकारी मांगी, मैंने सहयोग किया। मुकदमा दर्ज होने की मुझे कोई जानकारी नहीं है।”
भ्रष्टाचार की जांच जारी
जांच के अनुसार, मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत हुए इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं।