बेसिक शिक्षकों के सामूहिक बीमा में 208 करोड़ का विवाद, समाधान की मांग









बेसिक शिक्षकों के सामूहिक बीमा में 208 करोड़ का विवाद, समाधान की मांग

बेसिक शिक्षकों के सामूहिक बीमा में 208 करोड़ का विवाद, समाधान की मांग

सामूहिक बीमा बंद, लेकिन कटौती जारी

अगस्त 2014 में बेसिक शिक्षकों का सामूहिक बीमा बंद कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद शिक्षकों के खातों से हर माह 87 रुपये की कटौती जारी रही। जब NBT ने इस मुद्दे को 2022 में उठाया, तब जाकर यह कटौती बंद हुई।

इस दौरान शिक्षकों के खातों से 208 करोड़ रुपये की कटौती हुई, जिसका हिसाब अब तक शिक्षा विभाग ने नहीं दिया है।

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शिक्षकों की लगातार मांग, लेकिन समाधान नहीं

शिक्षक इस राशि की वापसी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को पत्र लिख चुके हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ वाराणसी के जिलाध्यक्ष निर्भय सिंह ने बताया कि कटौती बंद हुए दो साल बीत गए हैं, लेकिन विभाग अब तक हिसाब नहीं दे पाया है।

कोविड काल के दौरान कई शिक्षकों की मृत्यु हुई, लेकिन किसी को क्लेम नहीं दिया गया। इस मुद्दे पर शिक्षकों ने आवाज उठाई, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

नई पॉलिसी में शिक्षकों की रुचि नहीं

जब शिक्षकों ने आठ साल की कटौती की रकम की मांग की, तो विभाग ने नई बीमा पॉलिसी लाने की बात कही। इसमें पुरानी राशि के समायोजन का सुझाव दिया गया। हालांकि, प्रीमियम ज्यादा होने के कारण शिक्षकों ने इस पॉलिसी में रुचि नहीं दिखाई।

प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि विभाग को या तो कम प्रीमियम में कोई योजना लानी चाहिए या शिक्षकों की राशि मय ब्याज के वापस करनी चाहिए।

विभाग का बयान

बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी ने कहा, “शिक्षकों से कटौती की गई राशि सुरक्षित है। इस मुद्दे पर वित्त नियंत्रक से चर्चा की जाएगी और जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा।”

लेखक: ब्यूरो

टैग्स: बेसिक शिक्षा, सामूहिक बीमा, शिक्षकों का विवाद, 208 करोड़, बीमा पॉलिसी


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