बेवक्त भोजन करने से बढ़ता है मोटापा और मधुमेह का जोखिम
वैज्ञानिकों के अनुसार, भोजन का समय निर्धारित न रखना शरीर के लिवर और मस्तिष्क पर गहरा असर डालता है।
नियमित समय पर भोजन क्यों है जरूरी?
नई दिल्ली। पेनसिल्वानिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया है कि बेवक्त भोजन करने से मोटापा और मधुमेह का जोखिम तेजी से बढ़ता है। यह समस्या खासतौर पर उन लोगों में अधिक होती है, जो शिफ्ट में काम करते हैं या जिनका खानपान का समय नियमित नहीं रहता।
शोध में यह भी पता चला है कि हमारे लिवर और मस्तिष्क के बीच भोजन से संबंधित संकेतों का आदान-प्रदान होता है। यदि समय पर भोजन नहीं मिलता है, तो यह बॉडी क्लॉक को बाधित कर देता है।
लिवर का अपना बायोलॉजिकल क्लॉक
पेनसिल्वानिया यूनिवर्सिटी के पेरेलमन स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने बताया कि लिवर में समय बताने वाला जीन मौजूद होता है। यह जीन वैगस नर्व के माध्यम से मस्तिष्क को संकेत भेजता है कि भोजन की जरूरत है।
यदि इस समय भोजन नहीं मिलता है, तो शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है, जिससे वजन बढ़ने और मधुमेह जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
शिफ्ट वर्कर्स पर ज्यादा असर
शोध में पाया गया कि जेट लैग या नाइट शिफ्ट करने वाले लोगों में भोजन के समय में बदलाव होने से बॉडी क्लॉक बिगड़ जाता है। इस दौरान वे सामान्य से अधिक भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का मुख्य कारण बनता है।
चूहों पर किए गए प्रयोग में यह पाया गया कि उनके लिवर के जीन को निष्क्रिय करने से उनकी भूख और खाने के पैटर्न में असामान्य बदलाव हुए।
क्या है ‘बॉडी क्लॉक’?
बॉडी क्लॉक हमारी शरीर की आंतरिक घड़ी है, जो सोने, जगने और भोजन करने जैसे कार्यों का समय तय करती है। यदि इसमें कोई गड़बड़ी होती है, तो इसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है।
शरीर की यह घड़ी लिवर और दिमाग के बीच तालमेल बनाए रखती है, जिससे शरीर सुचारू रूप से काम करता है।
नियमित भोजन से सेहत को कैसे बचाएं?
- सुबह का नाश्ता: सुबह का नाश्ता समय पर करें, क्योंकि यह शरीर को ऊर्जा देता है।
- समय पर भोजन: दोपहर और रात के खाने का समय निश्चित करें और इसका पालन करें।
- शिफ्ट वर्कर्स: अपनी शिफ्ट के हिसाब से खाने का समय तय करें और इसे नियमित बनाएं।
- पौष्टिक आहार: मेटाबॉलिज्म को ठीक रखने के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार लें।