बीस मिनट के परीक्षण में पास यूपी बोर्ड का एप
जिले के 23 स्कूलों में की गई फील्ड टेस्टिंग, प्रयोगात्मक परीक्षा में होगा इस्तेमाल।
यूपी बोर्ड का नया एप सफल
यूपी बोर्ड ने इंटरमीडिएट परीक्षाओं के लिए तैयार किए गए नए एप का 15 से 20 मिनट का परीक्षण किया। यह परीक्षण सफल रहा, जिससे 23 जनवरी से शुरू होने वाली प्रयोगात्मक परीक्षाओं में इस एप को लागू करने का रास्ता साफ हो गया है। यह परीक्षाएं आठ फरवरी तक दो चरणों में आयोजित की जाएंगी।
इस एप का उद्देश्य परीक्षाओं में पारदर्शिता लाना है। अब परीक्षक घर बैठे ऑनलाइन पोर्टल पर अंक अपलोड नहीं कर पाएंगे। उन्हें हर हाल में परीक्षा केंद्र पर उपस्थित होना होगा।
कैसे काम करेगा एप?
एप को इस तरह डिजाइन किया गया है कि परीक्षक केवल परीक्षा केंद्र के 100 मीटर के दायरे में ही अंक अपलोड कर सकें। शनिवार को प्रयागराज के 23 स्कूलों में इस एप का परीक्षण किया गया। परीक्षण की जिम्मेदारी 11 उपसचिवों को सौंपी गई थी।
परीक्षण के दौरान अफसरों ने:
- जियो लोकेशन ली
- नंबर अपलोड किए
- सेल्फी अपलोड कर प्रक्रिया पूरी की
यह पूरा परीक्षण 20 मिनट में सफलतापूर्वक पूरा हो गया।
परीक्षाओं में एआई का इस्तेमाल
यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए एक एजेंसी का चयन किया जाना है। हालांकि, अब तक तीन से कम फर्म आवेदन कर रही थीं, जिससे टेंडर प्रक्रिया दो बार निरस्त करनी पड़ी।
अब यूपी बोर्ड ने तीसरी बार टेंडर निकालने का निर्णय लिया है। यदि इस बार एक ही एजेंसी आवेदन करती है, तो उसे टेंडर दे दिया जाएगा।
एआई का उपयोग स्ट्रांग रूम के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में किया जाएगा। यह किसी भी अनियमितता या समय से पहले कमरे के खुलने पर यूपी बोर्ड के कंट्रोल रूम को अलर्ट भेजेगा।
परीक्षण में शामिल प्रमुख स्कूल
परीक्षण के लिए प्रयागराज के विभिन्न स्कूलों को चुना गया। इनमें प्रमुख हैं:
- रणजीत पंडित इंटर कॉलेज, नैनी
- मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज, करछना
- सुभाष चंद्र इंटर कॉलेज, करछना
- मोतीलाल नेहरू इंटर कॉलेज, कौंधियारा
- आर्य कन्या इंटर कॉलेज
इन स्कूलों में उपसचिवों ने जियो लोकेशन और अन्य प्रक्रियाओं का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।