थायरॉइड को न करें नजरअंदाज, हो सकता है जानलेवा
डब्ल्यूएचओ जनवरी माह को थायरॉइड जागरूकता माह के रूप में मनाता है। जानें थायरॉइड से जुड़ी अहम बातें।
थायरॉइड: शरीर की एक महत्वपूर्ण ग्रंथि
थायरॉइड शरीर में एक छोटी लेकिन शक्तिशाली ग्रंथि है, जो गर्दन के सामने स्थित होती है। यह तितली के आकार की होती है और शरीर के हार्मोन निर्माण का काम करती है। थायरॉइड हार्मोन दिल की धड़कन, सांस, वजन, पाचन और मूड पर असर डालते हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, थायरॉइड रोग गंभीर हो सकते हैं, लेकिन इनका इलाज संभव है। जागरूकता और समय पर पहचान के जरिए इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
थायरॉइड की दो प्रमुख समस्याएं
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हाइपरथायरायडिज्म
जब थायरॉइड जरूरत से ज्यादा हार्मोन बनाता है, तो इसे हाइपरथायरायडिज्म कहते हैं। इससे शरीर के कार्य तेज हो जाते हैं। इसके लक्षण हैं:
- चिड़चिड़ापन
- ज्यादा पसीना आना
- घबराहट और दिल की धड़कन तेज होना
- वजन कम होना
- भूख ज्यादा लगना
- मांसपेशियों में कमजोरी
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हाइपोथायरायडिज्म
जब थायरॉइड जरूरत से कम हार्मोन बनाता है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं। इससे शरीर के कार्य धीमे हो जाते हैं।
थायरॉइड स्टॉर्म: जानलेवा स्थिति
थायरॉइड स्टॉर्म, हाइपरथायरायडिज्म का एक गंभीर और दुर्लभ रूप है। इसमें शरीर का तापमान 105-106 फारेनहाइट तक बढ़ सकता है। इसके लक्षण दिखते ही मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए।
थायरॉइड के प्रमुख कारण
थायरॉइड की समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- खराब जीवनशैली और अव्यवस्थित खानपान
- आयोडीन की कमी
- लंबे समय से स्ट्रेस
- वायरल संक्रमण
- आनुवंशिकता
- महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, गर्भावस्था के बाद शारीरिक बदलाव
यह समस्या महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक पाई जाती है।
थायरॉइड के आंकड़े
विश्वभर में लगभग 27 करोड़ लोग और भारत में चार करोड़ लोग थायरॉइड समस्याओं से पीड़ित हैं। इसके अलावा, 60 वर्ष से अधिक आयु के 13% और 19 वर्ष से कम आयु के 5% लोग थायरॉइड से प्रभावित हैं।