महाकुंभ में नौकरी का झांसा देकर नर्सिंग छात्राओं से ठगी
रजिस्ट्रेशन और ट्रेनिंग के नाम पर पैसे वसूले
छात्राओं से पहले रजिस्ट्रेशन के लिए 500 रुपये लिए गए। इसके बाद, उन्हें महाकुंभ में सेवा देने का भरोसा देकर एक सप्ताह की ट्रेनिंग कराई गई। आईकार्ड भी जारी किया गया, जिसमें इमिनेंस कंपनी का लोगो लगा हुआ था। ड्यूटी जॉइन कराने के लिए 1 जनवरी और फिर 11 जनवरी की तारीख दी गई, लेकिन इसके बाद फोन बंद कर दिए गए।
20 हजार रुपये वेतन का झांसा
संदीप नामक व्यक्ति ने इन छात्राओं को हर महीने 20 हजार रुपये वेतन देने का भरोसा दिलाया। व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया, जहां ड्यूटी से संबंधित जानकारी साझा की गई। रजिस्ट्रेशन के बाद पांच हजार रुपये तक वसूले गए।
ठगी का खुलासा और निराशा
जब छात्राएं केंद्रीय अस्पताल पहुंचीं, तो उन्हें पता चला कि नर्सिंग स्टाफ की अस्थायी भर्तियां पहले ही हो चुकी हैं और इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया गया था। ठगी का अहसास होने पर जब छात्राओं ने आरोपी से संपर्क करने का प्रयास किया, तो उसने बहाने बनाकर फोन बंद कर लिया।
मेलाधिकारी कार्यालय पर शिकायत
ठगी का शिकार हुई छात्राएं मेलाधिकारी कार्यालय पहुंचीं, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। अनामिका, ऊषा, अंजलि, वंदना, मानसी आदि ने अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। छात्राओं ने कहा कि अगर उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगी।
अधिकारियों का बयान
महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल के प्रभारी डॉ. मनोज कौशिक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसी किसी योजना की जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि अस्थायी नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के संबंध में विभाग ने कोई शुल्क नहीं लिया।
छात्राओं की मांग
पीड़ित छात्राओं ने प्रशासन से मांग की है कि ठगी करने वाले आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए।