ऑनलाइन बेचे जा रहे थे कफ सीरप, जांच में नकली होने का खुलासा
**गाजियाबाद में नकली दवाओं का खुलासा**
गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में ऑनलाइन दवाएं बेचने वाली एक कंपनी पर छापेमारी के दौरान नकली दवाओं का बड़ा खुलासा हुआ है। लखनऊ लैब की रिपोर्ट में एस्कोफ नामक कफ सीरप में कोडीन की मात्रा शून्य पाई गई। यह दवा खांसी के इलाज के लिए बनाई जाती है। ड्रग डिपार्टमेंट ने इसे लेकर कंपनी को नोटिस जारी कर दिया है।
**छापेमारी और सैंपल की जांच**
सितंबर माह में फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट और वसुंधरा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान इस दवा का सैंपल लिया गया था। शुक्रवार को आई लैब रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि दवा नकली है।
ड्रग इंस्पेक्टर आशुतोष मिश्रा ने बताया कि दवा के फार्मूले का पालन नहीं किया गया है। इस कार्रवाई में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जो बिना लाइसेंस के दवाओं की सप्लाई कर रहे थे।
**व्हाट्सएप और सोशल मीडिया से हो रही थी बिक्री**
आरोपियों ने social media के जरिए अपनी वेबसाइट onlinehealthkart.in को प्रमोट किया। वेबसाइट पर आने वाले ग्राहकों से व्हाट्सएप पर बातचीत कर दवाओं का ऑर्डर लिया जाता था।
इन दवाओं में कफ सीरप, बेहोशी की दवाएं, और नींद की गोलियां शामिल थीं। इनका बिना डॉक्टर की पर्ची और लाइसेंस के अवैध रूप से व्यापार किया जा रहा था।
**देश-विदेश में होती थी सप्लाई**
जांच में यह भी पता चला कि यह नकली दवाएं देश-विदेश में सप्लाई की जा रही थीं। हिमाचल प्रदेश की एक कंपनी इन दवाओं का निर्माण करती थी। ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 2325 के तहत संबंधित कंपनी को नोटिस जारी किया गया है।
ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि कंपनी का जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
**2018 से चल रहा था धंधा**
जांच में सामने आया कि यह कंपनी 2018 से दवाओं की सप्लाई कर रही थी। वसुंधरा के एक फ्लैट को इस कंपनी का ऑफिस बनाया गया था।
कंपनी में काम करने वाली महिला कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें दवाओं के नाम नहीं बताए जाते थे। दवाएं कोड के जरिए सप्लाई की जाती थीं।
**नारकोटिक्स कानून का उल्लंघन**
नारकोटिक्स एक्ट के तहत कोडीन और अन्य नशीली दवाओं की बिक्री के लिए लाइसेंस अनिवार्य है। इसके बावजूद, आरोपियों ने इन नियमों का उल्लंघन कर दवाएं बेचीं।