डॉलर में मजबूती व विदेशी पूंजी निकासी से रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर









डॉलर में मजबूती व विदेशी पूंजी निकासी से रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर

डॉलर में मजबूती व विदेशी निवेशकों की पूंजी निकासी से घरेलू मुद्रा रिकॉर्ड निचले स्तर पर

**रुपया पहली बार 86 पार पहुंचा**

डॉलर के मजबूत होने और विदेशी निवेशकों की भारी पूंजी निकासी के कारण भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। शुक्रवार को रुपया पहली बार 86.04 के स्तर पर बंद हुआ, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। रुपये को 85 से 86 तक गिरने में केवल 16 कारोबारी सत्र लगे।

19 दिसंबर, 2024 को रुपया 85.13 पर बंद हुआ था। तब से अब तक रुपये में 91 पैसे की गिरावट दर्ज की गई है।

**विदेशी मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव**

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 85.88 पर खुला और दिन के कारोबार में 85.85 के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। हालांकि, आखिर में यह 86.04 पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में यह 85.86 पर बंद हुआ था।

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

**रुपये में गिरावट के प्रमुख कारण**

  • डॉलर की लगातार मजबूती
  • विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारी पूंजी निकासी
  • घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट
  • कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें

इन सभी कारकों ने रुपये को कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

**डॉलर सूचकांक और अमेरिकी बॉन्ड का प्रभाव**

छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01% की बढ़त के साथ 109.01 पर पहुंच गया। वहीं, 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड पर रिटर्न बढ़कर 4.69% हो गया, जो अप्रैल 2024 का स्तर है।

**रुपये में गिरावट का लंबा सिलसिला**

डॉलर की तुलना में रुपया लगातार 10वें सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुआ है। दिसंबर 2024 से अब तक रुपया 1.16% गिरा है। नए साल में यह 0.46% की कमजोरी दिखा चुका है।

गौरतलब है कि 2024 लगातार सातवां साल है, जब घरेलू मुद्रा गिरावट में बंद हुई है। पहली बार 20 मार्च 2020 को रुपया 75 से नीचे आया था।

**आरबीआई के हस्तक्षेप की उम्मीद**

मिरै एसेट शेयरखान के अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि घरेलू बाजारों में गिरावट और विदेशी पूंजी निकासी के कारण रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हस्तक्षेप से रुपये को सहारा मिल सकता है।

**निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत**

विशेषज्ञों के मुताबिक, निवेशकों की नजर गैर-कृषि क्षेत्र की नौकरियों की रिपोर्ट पर होगी। डॉलर-रुपया की हाजिर कीमत 85.80 से 86.15 रुपये के बीच रह सकती है।

यह लेख Sarkarikalam द्वारा प्रस्तुत किया गया। आर्थिक समाचार और अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें।


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top