वन डिस्ट्रिक्ट वन कुज़ीन: उत्तर प्रदेश के व्यंजनों की अनोखी पहल
परिचय
उत्तर प्रदेश, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और व्यंजन परंपरा के लिए प्रसिद्ध है,
वन डिस्ट्रिक्ट वन कुज़ीन (ODOC) नामक नई पहल के साथ एक अनूठा कदम बढ़ा रहा है।
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) की सफलता से प्रेरित इस योजना का उद्देश्य राज्य के
75 जिलों के विशेष व्यंजनों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाना है।
उत्तर प्रदेश के विशेष व्यंजनों का मानचित्रण
ODOC पहल उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के खास व्यंजनों का उत्सव है।
प्रत्येक जिले का प्रतिनिधित्व उसके विशेष व्यंजन द्वारा किया जाएगा,
जो उसकी सांस्कृतिक और gastronomic पहचान को दर्शाएगा। कुछ मुख्य व्यंजन हैं:
- लखनऊ: प्रसिद्ध गलावटी कबाब और रेवड़ी
- आगरा: लोकप्रिय पेठा
- जौनपुर: मिठास भरी इमरती
- वाराणसी: खस्ता और स्वादिष्ट कचौड़ी
- मथुरा: कोमल और स्वादिष्ट पेड़ा
ODOC योजना की मुख्य विशेषताएँ
यह पहल न केवल उत्तर प्रदेश के व्यंजनों को बढ़ावा देगी बल्कि स्थानीय व्यवसायों और पर्यटन को भी मजबूत करेगी।
इसके मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
1. व्यंजनों का मानचित्रण
प्रत्येक जिले के विशेष व्यंजन की पहचान कर उसके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भोजन संबंधी महत्व को उजागर किया जाएगा।
2. वैश्विक प्रचार
पर्यटन और निर्यात विभाग के सहयोग से इन व्यंजनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश किया जाएगा,
जिससे ये वैश्विक बाजार में अपनी जगह बना सकें।
3. स्थानीय उद्यमियों को सहयोग
MSME विभाग स्थानीय रसोइयों, विक्रेताओं और खाद्य उद्यमियों को उनके व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करेगा।
पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
ODOC योजना से पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
आज के समय में, यात्री प्रामाणिक अनुभवों की तलाश में रहते हैं, और उत्तर प्रदेश इस पहल के माध्यम से
एक gastronomic हब के रूप में उभर सकता है। साथ ही, यह योजना स्थानीय खाद्य कारीगरों और उद्यमियों के लिए
रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी।
ODOP से ODOC की यात्रा
जरदोजी, कालीन और हस्तशिल्प जैसे उत्पादों को बढ़ावा देने वाली ODOP योजना की सफलता ने ODOC के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
सरकार अब ODOP उत्पादों की सूची को संशोधित कर रही है, ताकि अधिक मांग वाले नए उत्पादों को शामिल किया जा सके।
वन डिस्ट्रिक्ट वन कुज़ीन: उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के अनोखे व्यंजन
परिचय
उत्तर प्रदेश सरकार ने “वन डिस्ट्रिक्ट वन कुज़ीन” (ODOC) योजना की घोषणा की है।
इसका उद्देश्य हर जिले के प्रसिद्ध व्यंजन को पहचान दिलाना और स्थानीय खानपान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाना है।
इस पहल के तहत हर जिले का एक खास व्यंजन चुना जाएगा।
वन डिस्ट्रिक्ट वन कुज़ीन: उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के खास व्यंजन
उत्तर प्रदेश सरकार की “वन डिस्ट्रिक्ट, वन कुज़ीन” (ODOC) योजना के अंतर्गत हर जिले के अनूठे
और पारंपरिक व्यंजन को बढ़ावा दिया जाएगा। यह पहल न केवल स्थानीय व्यंजनों को विश्व पटल पर पहचान दिलाएगी
बल्कि स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को भी प्रोत्साहन देगी।
लखनऊ मंडल के खास व्यंजन
1. लखनऊ: गलावटी कबाब, रेवड़ी
2. उन्नाव: मठरी
3. रायबरेली: आलू के पराठे
4. हरदोई: खजला
5. सीतापुर: मावा पान
6. लखीमपुर खीरी: गन्ने की खीर
कानपुर मंडल के व्यंजन
7. कानपुर: ठग्गू के लड्डू
8. कानपुर देहात: बेसन की बर्फी
9. फर्रुखाबाद: फर्रुखाबादी समोसा
10. औरैया: पुए
वाराणसी मंडल का स्वाद
11. वाराणसी: कचौड़ी-सब्जी, मालइयो
12. भदोही: बथुआ पराठा
13. चंदौली: मक्का के लड्डू
14. जौनपुर: इमरती
अन्य मंडल और उनके व्यंजन
आगरा मंडल
15. आगरा: पेठा
16. फिरोजाबाद: तिल का लड्डू
17. मथुरा: पेड़ा
18. मैनपुरी: खस्ता कचौड़ी
19. एटा: गजक
गोरखपुर मंडल
20. गोरखपुर: परवल की मिठाई
21. महराजगंज: चावल का खीर
22. कुशीनगर: ठेकुआ
23. देवरिया: लिट्टी-चोखा
बरेली मंडल
24. बरेली: बरेली की बर्फी
25. पीलीभीत: बाजरे की रोटी
26. बदायूं: खुरचन
27. शाहजहांपुर: कढ़ी-चावल
मेरठ मंडल के स्वादिष्ट व्यंजन
28. मेरठ: नानखटाई – पारंपरिक मिठाई जो हर मौके पर खास स्वाद देती है।
29. बागपत: गुड़ की रेवड़ी – सर्दियों में पसंदीदा मिठाई।
30. गाजियाबाद: कचालू चाट – मसालेदार और खट्टे स्वाद के लिए प्रसिद्ध।
31. हापुड़: बांस का हलवा – अनोखी मिठास का अनुभव।
32. गौतम बुद्ध नगर (नोएडा): चॉकलेट मिठाई – आधुनिक स्वाद और पारंपरिक शैली का मेल।
झांसी मंडल की खासियत
33. झांसी: गुझिया – त्यौहारों की मिठास।
34. ललितपुर: मक्का रोटी – देसी स्वाद और पोषण का संगम।
35. जालौन: उरद दाल पकौड़ा – कुरकुरे और चटपटे व्यंजन का आनंद।
प्रयागराज मंडल के अनूठे व्यंजन
36. प्रयागराज: अमरूद की चटनी – खट्टा-मीठा स्वाद।
37. कौशांबी: सिंघाड़ा हलवा – पोषण और स्वाद से भरपूर।
38. फतेहपुर: तिल गुड़ लड्डू – सर्दियों में ऊर्जा का स्रोत।
गोंडा मंडल की रसोई से
39. गोंडा: खीर – पारंपरिक मिठाई।
40. बलरामपुर: जलेबी – चाशनी में डूबी मिठास।
41. श्रावस्ती: कटहल बिरयानी – अनोखा व्यंजन।
अयोध्या मंडल के व्यंजन
42. अयोध्या (फैजाबाद): मालपुआ – मीठे का जादू।
43. अंबेडकर नगर: ताहरी – चावल और मसालों का स्वाद।
44. सुल्तानपुर: कुल्फी – गर्मियों में ठंडक।
मिर्जापुर और बस्ती मंडल के व्यंजन
मिर्जापुर मंडल
48. मिर्जापुर: बरिया मिठाई – अनोखा स्वाद।
49. सोनभद्र: महुआ लड्डू – ग्रामीण मिठाई।
50. भदोही: गोंद के लड्डू – स्वास्थ्य और स्वाद।
बस्ती मंडल
51. बस्ती: कच्चे केले का कोफ्ता – अनोखा शाकाहारी व्यंजन।
52. सिद्धार्थनगर: अचार – मसालेदार और खट्टा स्वाद।
53. संतकबीर नगर: खीर – शुद्ध मिठास।
अलीगढ़ मंडल के स्वादिष्ट व्यंजन
54. अलीगढ़: तिल की बर्फी – तिल और गुड़ का अनूठा मेल जो सर्दियों का खास स्वाद है।
55. हाथरस: रबड़ी – मलाईदार मिठास जो हर मिठाई प्रेमी की पहली पसंद है।
56. कासगंज: पनीर समोसा – कुरकुरे समोसे में पनीर की भरमार, जो चाय के साथ सबसे बढ़िया स्नैक है।
आजमगढ़ मंडल के खास व्यंजन
57. आजमगढ़: गुड़ चावल – सर्दियों में खास मिठास और गर्माहट का अनुभव।
58. मऊ: मूंग दाल हलवा – पारंपरिक मिठाई जो खास मौकों पर बनाई जाती है।
59. बलिया: छेना मिठाई – छेने से बनी यह मिठाई बलिया की विशेषता है।
फैजाबाद मंडल के लाजवाब व्यंजन
60. अयोध्या (फैजाबाद): बालूशाही – मीठा व्यंजन जो मुंह में घुल जाता है।
61. अंबेडकर नगर: मटर पुलाव – मसालों और मटर का परफेक्ट मेल।
62. सुल्तानपुर: बेल के लड्डू – सेहत और स्वाद का संगम।
मंडलवार अन्य जिलों के व्यंजन
63. गाजियाबाद: कचालू चाट – खट्टा-मीठा स्नैक जो मसालों का अनूठा स्वाद देता है।
64. बुलंदशहर: खस्ता पूरी – कुरकुरी और मसालेदार पूरियां।
65. सहारनपुर: डोसा – दक्षिण भारतीय व्यंजन का उत्तर भारत में बढ़ता क्रेज।