नई शिक्षक भर्ती जल्द जारी करने की मांग

नई शिक्षक भर्ती जल्द जारी करने की मांग

लखनऊ। डीएलएड/बीटीसी संघ ने प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द नई शिक्षक भर्ती जारी करने की मांग उठाई है। संघ ने आरोप लगाया है कि भर्ती प्रक्रिया में देरी के कारण युवा वर्ग के साथ लगातार छलावा हो रहा है।

शिक्षक पदों पर भर्ती की जरूरत

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग में मार्च 2025 तक खाली होने वाले पदों का ब्यौरा संबंधित विभागों से मांगा है। हालांकि, डीएलएड/बीटीसी संघ का कहना है कि इस प्रक्रिया में देरी से शिक्षकों की कमी पूरी नहीं हो पा रही है।

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संघ का आरोप: युवाओं के साथ वादाखिलाफी

संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीतेश पांडेय ने कहा, “भर्ती के इंतजार में एक और साल गुजर गया है। सरकार चुनावों के दौरान युवाओं से बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन बाद में उन्हें भूल जाती है। यह युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश में छात्र-शिक्षक अनुपात को लेकर सरकार की स्थिति वास्तविकता से परे है। शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं, लेकिन फिर भी सरकार नई भर्तियों को लेकर गंभीर नहीं है।

छात्र-शिक्षक अनुपात का मुद्दा

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कई बार सदन में छात्र-शिक्षक अनुपात को सही बताया है। लेकिन संघ का कहना है कि यह दावा गलत है क्योंकि जमीनी स्तर पर शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है। शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए तुरंत नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।

भर्ती प्रक्रिया में तेजी की मांग

संघ ने सरकार से शीघ्र नई भर्ती अधिसूचना जारी करने और इसे प्राथमिकता के साथ पूरा करने की मांग की है। इससे न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी, बल्कि शिक्षकों की कमी से भी निपटा जा सकेगा।

युवा वर्ग और संघ की मांग है कि नई शिक्षक भर्ती को लेकर सरकार जल्द कदम उठाए। शिक्षकों के खाली पद भरने से शिक्षा व्यवस्था मजबूत होगी और युवाओं के भविष्य को बेहतर दिशा मिलेगी।

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