परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के परस्पर तबादले की समस्याएं
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के परस्पर तबादले को लेकर कई समस्याएं सामने आ रही हैं। खासकर शहरी और ग्रामीण ब्लॉकों के बीच एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) की असमानता इस प्रक्रिया को जटिल बना रही है।
तबादले में मुख्य समस्याएं
शिक्षकों के परस्पर तबादले में कई दिक्कतें हैं:
- एचआरए की असमानता: शहरी और ग्रामीण ब्लॉकों में एचआरए का बड़ा अंतर है। उदाहरण के लिए, लखनऊ में अधिकांश ब्लॉकों में एचआरए ₹4040 है, जबकि माल ब्लॉक में यह केवल ₹1340 है।
- दूर के ब्लॉकों में शिक्षक: सुदूर ब्लॉकों में तैनात शिक्षकों के लिए परस्पर तबादला कठिन हो जाता है क्योंकि शहरी क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षक इन ब्लॉकों में जाने को तैयार नहीं होते।
- डाटा अपडेट में देरी: बेसिक शिक्षा परिषद ने 10 जनवरी तक शिक्षकों का डाटा अपडेट करने का निर्देश दिया है, लेकिन इसके बाद प्रक्रिया शुरू होने में और देरी होगी।
शिक्षकों की चिंताएं
शिक्षकों का कहना है कि:
- दूर के ब्लॉकों में तैनात शिक्षकों को लाभ नहीं मिल पाता है।
- मुख्यालय के पास के शिक्षक कम एचआरए वाले ब्लॉकों में तबादले के लिए तैयार नहीं होते।
- तबादला प्रक्रिया में देरी से जाड़े की छुट्टियां खत्म होने के बाद भी स्थानांतरण संभव नहीं हो पाएगा।
समस्याओं का समाधान
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी निर्भय सिंह ने बताया कि सरकार को इन समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। इसके लिए:
- शहरी और ग्रामीण ब्लॉकों के एचआरए में असमानता को दूर किया जाना चाहिए।
- तबादला प्रक्रिया के लिए समयबद्ध कार्यक्रम घोषित किया जाना चाहिए।
- दूर के ब्लॉकों में कार्यरत शिक्षकों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना बनाई जानी चाहिए।