बोर्ड ने ड्यूटी कटवाने वालों की हो रही है जांच



यूपी बोर्ड की 2025 परीक्षा: शुचितापूर्ण और निष्पक्ष आयोजन के लिए नए प्रयोग

यूपी बोर्ड की 2025 परीक्षा: शुचितापूर्ण और निष्पक्ष आयोजन के लिए नए प्रयोग

लेखक: आपका नाम | जनवरी 2024

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नए प्रयोगों के साथ यूपी बोर्ड परीक्षा की तैयारी

उत्तर प्रदेश बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा 2025 को शुचितापूर्ण और निष्पक्ष रूप से आयोजित करने के लिए नित नए प्रयोग कर रहा है। इस बार, बोर्ड ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करके प्रश्नपत्रों की निगरानी करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही, प्रायोगिक परीक्षा में एप के माध्यम से अंक देने की व्यवस्था भी लागू की जाएगी। बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने उन शिक्षकों के संबंध में विशेष निर्देश दिए हैं, जो ड्यूटी लगाने या कटवाने के लिए सिफारिश करते हैं। इस प्रक्रिया में यह देखा जा रहा है कि सिफारिश किसकी ओर से की जा रही है।

ड्यूटी सिफारिश करने वाले शिक्षकों पर विशेष निगरानी

यूपी बोर्ड ने उन शिक्षकों और विद्यालयों के संबंध में डाटा एकत्रित करने के निर्देश दिए हैं, जिन्होंने ड्यूटी लगवाने या कटवाने के लिए सिफारिश की है। यह जानकारी बोर्ड को इस उद्देश्य से दी जाएगी कि प्रायोगिक परीक्षा और लिखित परीक्षा में इन शिक्षकों की गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखी जा सके। बोर्ड का मानना है कि इस उपाय से परीक्षा की शुचिता को बनाए रखा जा सकेगा और किसी भी प्रकार की धांधली या अनुचित प्रभाव को रोका जा सकेगा।

हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की तारीखें और व्यवस्था

हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की लिखित परीक्षा 24 फरवरी 2025 से शुरू होकर 12 मार्च 2025 तक 8140 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। वहीं, इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा 23 जनवरी 2025 से शुरू होकर 8 फरवरी 2025 तक दो चरणों में होगी। इस बार, परीक्षा केंद्रों पर शिक्षक की ड्यूटी लगाने के लिए उनके विवरणों को बोर्ड सचिव ने प्रधानाचार्यों के माध्यम से अपडेट कराया है।

प्रायोगिक परीक्षा के लिए नई तकनीकी व्यवस्था

प्रायोगिक परीक्षा में सुधार लाने के लिए बोर्ड ने एक नया एप तैयार किया है। इस एप के माध्यम से परीक्षक परीक्षा केंद्र पर पहुंचने के बाद ही छात्रों को अंक प्रदान कर सकेंगे। एक और महत्वपूर्ण नियम यह है कि परीक्षक परीक्षा केंद्र से 200 मीटर की दूरी पर जाने के बाद अंक प्रदान नहीं कर सकेंगे। यह व्यवस्था शुचिता को बनाए रखने के लिए लागू की गई है।

स्रोत: यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह

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