प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने परिषदीय विद्यालयों में भारतीय संस्कृति के पर्वों की छुट्टियां बहाल करने की मांग की।




भारतीय संस्कृति के पर्वों की छुट्टियां बहाल करने की मांग

भारतीय संस्कृति के पर्वों की छुट्टियां बहाल करने की मांग

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प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर परिषदीय विद्यालयों में
भारतीय संस्कृति से संबंधित प्रमुख पर्वों की छुट्टियां फिर से बहाल करने की अपील की है।
एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि पहले
मौनी अमावस्या, भैयादूज, जमात उल विदा (अलविदा),
नाग पंचमी, अनंत चतुर्दशी, पितृ विसर्जन, और
नवरात्र के पहले दिन पर छुट्टियां दी जाती थीं।
लेकिन अधिकारियों ने इन छुट्टियों को रद्द कर दिया है, जिससे
शिक्षक और बच्चे दोनों प्रभावित हो रहे हैं।

छुट्टियां रद्द करने से उठे सवाल

विनय कुमार सिंह ने कहा कि बिना इन पर्वों के महत्व को समझे,
छुट्टियों को रद्द करना सरकार की छवि को सनातन विरोधी बना रहा है।
शिक्षक और बच्चे अपने पारिवारिक, सामाजिक और धार्मिक दायित्वों का
निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं।

उन्होंने मांग की है कि यह जांच की जाए कि
इन बड़े पर्वों की छुट्टियों को क्यों समाप्त किया गया।
साथ ही, बेसिक शिक्षा परिषद की 2025 की अवकाश तालिका में
इन पर्वों पर फिर से छुट्टियां घोषित की जाएं।

सांस्कृतिक पर्वों का महत्व

एसोसिएशन का कहना है कि भारतीय संस्कृति के ये पर्व
सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
इन्हें मान्यता देकर शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों
को भी संरक्षित किया जा सकता है।
यह कदम बच्चों और शिक्षकों दोनों के लिए सकारात्मक होगा।

नोट: एसोसिएशन ने इस संबंध में
सरकार से जल्द कदम उठाने की अपील की है ताकि
भारतीय संस्कृति के महत्व को संरक्षित किया जा सके और
शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को उनके दायित्व निभाने का अवसर मिल सके।

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