दिल्ली हाई कोर्ट ने CLAT 2025 के संशोधित परिणामों पर रोक लगाने से किया इन्कार
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने कामन ला एडमिशन टेस्ट 2025 (CLAT) के संशोधित परिणामों को जारी करने के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया एकल पीठ के निष्कर्षों में कोई त्रुटि नहीं मिली और इस पर अंतरिम आदेश पारित करने का मामला नहीं बनता है।
एकल पीठ का आदेश
20 दिसंबर को एकल पीठ ने कंसोर्टियम आफ नेशनल ला यूनिवर्सिटीज (NLU) को संशोधित परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद इस निर्णय के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभू बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि एकल न्यायाधीश के निष्कर्षों में त्रुटि नहीं मिली। अदालत ने यह भी कहा कि इस पर अंतरिम आदेश पारित करने का कोई कारण नहीं बनता है।
संशोधित परिणाम की घोषणा
द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार, CLAT 2025 की उत्तर कुंजी में पाई गई गड़बड़ियों के संबंध में संशोधित परिणामों की घोषणा की जानी थी। एकल पीठ ने याची छात्र सहित अन्य अभ्यर्थियों को संबंधित प्रश्नों के उत्तर के लिए अंक देने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी कहा कि यदि इस पर हस्तक्षेप नहीं किया गया तो यह अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा।
याचिका और एनएलयू का विरोध
इस मामले में याचिकाकर्ता 17 वर्षीय अभ्यर्थी ने आरोप लगाया था कि CLAT 2025 के लिए NLU कंसोर्टियम द्वारा जारी अंतिम उत्तर कुंजी में त्रुटियां थीं। वहीं, NLU कंसोर्टियम ने याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि तीन विशेषज्ञ समितियां पहले ही आपत्तियों की जांच कर चुकी हैं और कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है।
अगली सुनवाई की तारीख
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 जनवरी 2025 की तारीख तय की है।