विदेशी फोन कॉल पर ‘इंटरनेशनल कॉल’ प्रदर्शित करने का निर्देश
नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने सभी दूरसंचार कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे विदेश से आने वाले फोन कॉल्स पर ‘इंटरनेशनल कॉल’ प्रदर्शित करें। यह कदम साइबर धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है। इस प्रणाली से धोखाधड़ी वाले कॉल्स की पहचान करना और उन्हें रोकना आसान होगा।
एयरटेल ने की शुरुआत
दूरसंचार विभाग ने बताया कि एयरटेल ने पहले ही इस प्रणाली को लागू करना शुरू कर दिया है। अन्य कंपनियां भी इसे लागू करने के लिए प्रयासरत हैं। विभाग ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों से तुरंत कार्रवाई करने की अपील की है।
टास्क फोर्स की सिफारिश
यह कदम विभाग द्वारा गठित टास्क फोर्स की सिफारिशों के बाद उठाया गया है। टास्क फोर्स का गठन विदेश से आने वाली धोखाधड़ी वाली कॉल्स का मुकाबला करने के लिए किया गया था। नई प्रणाली के तहत, विदेशी नंबरों को आसानी से पहचाना जा सकेगा और धोखाधड़ी वाले कॉल्स को रोका जा सकेगा।
धोखाधड़ी वाली कॉल में 95% की कमी
दूरसंचार विभाग के अनुसार, नई प्रणाली ‘इंटरनेशनल इनकमिंग स्पूफ्ड कॉल्स प्रिवेंशन सिस्टम’ के कारण अक्टूबर तक रोजाना 13.5 करोड़ धोखाधड़ी वाले कॉल्स में से 95.6% की कमी आई है। दिसंबर तक इनकी संख्या घटकर केवल छह लाख रह गई।
धोखाधड़ी कॉल का पता लगाने की प्रणाली
नई प्रणाली के तहत, फोन कॉल उठाने से पहले ही धोखाधड़ी वाले नंबर की पहचान की जा सकती है। इन कॉल्स को ब्लॉक करना भी संभव हो गया है।
इन नंबरों से सावधान रहें
दूरसंचार विभाग ने चेतावनी दी है कि स्कैमर्स सरकारी अधिकारी बनकर कॉल कर रहे हैं। इन नंबरों की शुरुआत +8, +85 और +65 से होती है। ऐसे कॉल्स से सावधान रहने की अपील की गई है।
धोखाधड़ी रोकने के प्रयास
दूरसंचार विभाग ने कहा है कि यह प्रणाली भारत में साइबर अपराध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सभी मोबाइल कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे इस संबंध में जल्द से जल्द कदम उठाएं।
निष्कर्ष
विदेशी कॉल्स के मामले में यह नई प्रणाली सुरक्षा को मजबूत करेगी और साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने में सहायक होगी। उपयोगकर्ताओं को भी सतर्क रहने और संदिग्ध कॉल्स को तुरंत रिपोर्ट करने की सलाह दी गई है।