यूपी बोर्ड: दसवीं और बारहवीं की मार्कशीट में बड़े बदलाव, अब होगी और अधिक सुरक्षित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने छात्रों की मार्कशीट में फर्जीवाड़ा रोकने और इसे अधिक सुरक्षित बनाने के लिए बड़े बदलावों की घोषणा की है। नई ए-फोर साइज मार्कशीट में अत्याधुनिक सुरक्षा फीचर्स जोड़े जा रहे हैं, जो इसे न केवल छेड़छाड़-रोधी बनाएंगे बल्कि एक नया और आधुनिक रूप भी देंगे।
नई ए-फोर साइज मार्कशीट की विशेषताएं
यूपी बोर्ड की नई मार्कशीट सुरक्षा और स्थायित्व के लिहाज से अनूठी होगी। इसमें निम्नलिखित विशेषताएं होंगी:
- रंग परिवर्तन: मार्कशीट धूप में लाल रंग की दिखाई देगी, जबकि छांव में इसका रंग सामान्य रहेगा।
- पानी और फाड़ने का प्रभाव: यह मार्कशीट न तो पानी में गलेगी और न ही इसे फाड़ा जा सकेगा।
- अल्ट्रा वॉयलेट फीचर्स: इसमें ऐसे सुरक्षा फीचर्स होंगे, जो केवल अल्ट्रा वॉयलेट किरणों की सहायता से दिखाई देंगे।
- वाटरमार्क: मार्कशीट पर विशेष वाटरमार्क होंगे, जो इसे और सुरक्षित बनाएंगे।
- ओवरराइटिंग-रोधी: इसे खुरचकर या ओवरराइटिंग करके किसी भी प्रकार से छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी।
सचिव भगवती सिंह का कहना है कि यह नई मार्कशीट ए-फोर साइज की होगी, जो एक स्टैंडर्ड साइज है और अन्य बोर्ड भी इसी का उपयोग करते हैं। इससे मार्कशीट का लुक अधिक आकर्षक होगा।
प्रायोगिक परीक्षाओं में जीरो फेसिंग व्यवस्था
यूपी बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जीरो फेसिंग की नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत:
- परीक्षक अब घर बैठे ऑनलाइन नंबर नहीं भर पाएंगे।
- उन्हें परीक्षा केंद्र पर जाकर ही पोर्टल पर नंबर दर्ज करने होंगे।
- पोर्टल केवल 200 मीटर की परिधि के भीतर ही काम करेगा।
प्रायोगिक परीक्षाएं दो चरणों में 23 जनवरी से 8 फरवरी 2025 तक आयोजित की जाएंगी। परीक्षक को परीक्षा समाप्ति के बाद संबंधित पोर्टल पर विद्यार्थियों के नंबर दर्ज करने होंगे।
नई व्यवस्था क्यों लागू की गई?
बोर्ड को शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ परीक्षक संबंधित विद्यालय में गए बिना ही घर पर बैठकर पोर्टल पर नंबर दर्ज कर देते थे। यह प्रक्रिया न केवल अनुचित थी, बल्कि परीक्षा की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाती थी।
नई व्यवस्था के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि परीक्षक केवल परीक्षा केंद्र की परिधि में रहकर ही ऑनलाइन नंबर दर्ज कर सकें। इससे परीक्षा प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय होगी।
निष्कर्ष
यूपी बोर्ड की ये नई पहलें शिक्षा प्रणाली को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
छात्रों को अत्याधुनिक सुरक्षा फीचर्स वाली मार्कशीट मिलेगी, जो उनके भविष्य के लिए उपयोगी साबित होगी। साथ ही, जीरो फेसिंग व्यवस्था से प्रायोगिक परीक्षाओं की गुणवत्ता और निष्पक्षता में सुधार होगा।
इन सुधारों से यूपी बोर्ड का शिक्षा प्रणाली में विश्वास और मजबूत होगा।