आरटीई के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए निजी स्कूलों में दाखिले शुरू
लखनऊ। प्रदेश में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। पहले चरण की लॉटरी मंगलवार को जारी की गई, जिसमें 71381 बच्चों को सीट आवंटित की गई है। इन बच्चों को 27 दिसंबर को स्कूलों का आवंटन कराकर प्रवेश दिलाया जाएगा।
पहले चरण की प्रक्रिया
आरटीई के तहत पहले चरण के आवेदन 1 से 19 दिसंबर तक लिए गए थे। इसके बाद 20 से 23 दिसंबर तक बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) द्वारा आवेदन पत्रों का सत्यापन किया गया। बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार:
- पहले चरण में 132446 बच्चों ने आवेदन किया।
- इनमें से 102058 आवेदन सही पाए गए।
- लॉटरी के जरिए 71381 बच्चों को सीटें आवंटित की गईं।
27 दिसंबर को होगा विद्यालय आवंटन
समग्र शिक्षा के उप निदेशक मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि 27 दिसंबर को विद्यालयों का आवंटन कर बीएसए अपने जिलों में बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित कराएंगे। इसके तहत:
- जिलेवार बच्चों को उनके निकटतम निजी स्कूलों में सीटें आवंटित की जाएंगी।
- प्रवेश प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित की जाएगी।
दूसरे चरण की प्रक्रिया
पहले चरण के बाद, दूसरे चरण की प्रक्रिया 1 से 19 जनवरी के बीच आयोजित होगी। इसके तहत:
- आवेदन का सत्यापन 20 से 23 जनवरी के बीच किया जाएगा।
- लॉटरी के माध्यम से सीट आवंटन 24 जनवरी को होगा।
- विद्यालय आवंटन और प्रवेश प्रक्रिया 27 जनवरी को संपन्न होगी।
मार्च तक पूरी होगी प्रक्रिया
इस बार आरटीई की आवेदन प्रक्रिया को चार चरणों में मार्च 2025 तक पूरा किया जाएगा। समग्र शिक्षा विभाग के अनुसार, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि:
- सभी पात्र बच्चों को निजी स्कूलों में सीटें उपलब्ध कराई जाएं।
- प्रवेश प्रक्रिया सुगम और पारदर्शी हो।
- एक अप्रैल से इन बच्चों की पढ़ाई शुरू हो सके।
निष्कर्ष
आरटीई के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना एक सराहनीय कदम है। यह प्रक्रिया शिक्षा के प्रति समान अवसर और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है। माता-पिता और अभिभावकों को चाहिए कि वे समय पर आवेदन करें और बच्चों के उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं।
आरटीई से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के बीएसए कार्यालय से संपर्क करें।