**परिषदीय स्कूलों के संसाधन बढ़ाने के लिए विद्यांजलि अभियान में तेजी**
उत्तर प्रदेश में **परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों** को बेहतर बनाने के लिए **विद्यांजलि अभियान** को तेज किया जाएगा। इस अभियान के तहत **प्रवासी भारतीयों**, **व्यापारियों**, और **स्वयंसेवी संगठनों** से सहयोग लिया जाएगा। **पुरातन छात्रों** को जोड़कर विद्यालयों में आवश्यक संसाधन जुटाने की योजना है।
### **विद्यांजलि पोर्टल पर पंजीकरण में तेजी:**
– **बीएसए (बेसिक शिक्षा विभाग)** ने **विद्यांजलि पोर्टल** पर **पुरातन छात्रों का पंजीकरण** कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि वे विद्यालयों के संसाधनों को बेहतर बनाने में मदद कर सकें।
– यह अभियान **संजय कुमार उपाध्याय**, उप शिक्षा निदेशक (प्राइमरी) द्वारा तेज किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक पुरातन छात्र पोर्टल पर पंजीकरण करवा सकें।
– **विद्यांजलि पोर्टल** लिंक: https://vidyanjali.education.gov.in https://vidyanjali.education.gov.in
### **संसाधन जुटाने के उपाय:**
– पुरातन छात्रों, प्रवासी भारतीयों, व्यापारियों और **एनजीओ संचालकों** से **संसाधन जुटाए जाएंगे**, जिसमें **विद्यालय भवन की मरम्मत**, **नए निर्माण**, **डेस्क-बेंच**, और **कंप्यूटर** जैसे उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
– **कारपोरेट-सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR)** के तहत कंपनियों से मदद लेने की दिशा में भी कदम उठाए गए हैं।
### **अभी तक का प्रदर्शन:**
– प्रदेश में कुल **1.33 लाख** परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल हैं, लेकिन अभी तक **10 प्रतिशत से भी कम स्कूलों** ने इस अभियान से जुड़ने के लिए पंजीकरण कराया है।
– अब इस **पंजीकरण** प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करने के लिए **अभियान** चलाया जाएगा।
### **निष्कर्ष:**
यह अभियान परिषदीय विद्यालयों के विकास में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें **समुदाय की भागीदारी** बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। **पुरातन छात्रों** और **स्वयंसेवी संगठनों** से जुड़कर विद्यालयों की स्थिति सुधारने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं।