विधान परिषद में तदर्थ शिक्षकों का मुद्दा गर्माया, गुलाब देवी विपक्ष और सत्तापक्ष के निशाने पर

### **विधान परिषद में तदर्थ शिक्षकों का मुद्दा गर्माया, गुलाब देवी विपक्ष और सत्तापक्ष के निशाने पर** 

**लखनऊ:** गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधान परिषद में **माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी** को तदर्थ शिक्षकों की बहाली के मुद्दे पर विपक्ष और सत्तापक्ष, दोनों का विरोध झेलना पड़ा। करीब **1,900 तदर्थ शिक्षकों** को बीते वर्ष सेवा से हटाए जाने और उनमें से **1,000 शिक्षकों** की बहाली के बावजूद शेष 900 शिक्षकों का मामला लंबित होने पर सदन में तीखी बहस हुई। 



### **भाजपा सदस्य ने मंत्री पर जताया अविश्वास** 
सत्तापक्ष के सदस्य और भाजपा नेता **देवेंद्र प्रताप सिंह** ने गुलाब देवी पर कटाक्ष करते हुए कहा, 
> “मंत्री वही पढ़ेंगी जो अफसरों ने उन्हें लिखकर दिया होगा।” 

उन्होंने सभापति से अनुरोध किया कि मंत्री से मामले पर स्पष्ट निर्देश जारी करवाएं। 



### **नेता सदन ने दिलाया भरोसा** 
सभापति के हस्तक्षेप पर **नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य** ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि इस मामले पर जल्द ही **एक बैठक आयोजित कर समाधान** निकाला जाएगा। 



### **तदर्थ शिक्षकों का मुद्दा** 
– **1,900 तदर्थ शिक्षकों** को पिछले वर्ष **9 नवंबर** को सेवा से हटा दिया गया था। 
– अब इनमें से **1,000 शिक्षकों को बहाल** किया गया है। 
– **900 शिक्षकों** का मामला अभी भी लटका हुआ है, जिसे लेकर निर्दलीय सदस्य **डॉ. आकाश अग्रवाल** और **राजबहादुर सिंह चंदेल** ने सवाल उठाए। 



### **सदन में गूंजा विपक्ष का विरोध** 
विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह तदर्थ शिक्षकों के मुद्दे पर **दोहरे मापदंड** अपना रही है। 
**समाजवादी पार्टी** और अन्य दलों ने तदर्थ शिक्षकों के भविष्य को लेकर सरकार की नीति पर सवाल खड़े किए। 
– विपक्ष ने इस मामले को लेकर **स्पष्ट जवाब और त्वरित कार्रवाई** की मांग की। 



### **गुलाब देवी की सफाई** 
गुलाब देवी ने सदन में कहा कि सरकार तदर्थ शिक्षकों की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस मुद्दे को जल्द हल किया जाएगा। 



### **आगे की राह** 
तदर्थ शिक्षकों के भविष्य को लेकर **विधान परिषद में बढ़ती गहमागहमी** सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण है। 
– सत्तापक्ष के विरोध के बावजूद, शिक्षकों की बहाली पर **पारदर्शी नीति** बनाने की आवश्यकता है। 
**900 शिक्षकों की बहाली** का मुद्दा सरकार की शिक्षा नीति और प्रशासनिक निर्णय लेने की प्रक्रिया पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। 

सरकार की ओर से इस मामले पर **ठोस समाधान और जल्द कार्रवाई** की उम्मीद की जा रही है।

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