टिफिन में नॉनवेज लाने के कारण स्कूल से निष्कासित किए गए तीन बच्चों को सीबीएसई के किसी अन्य विद्यालय में दो सप्ताह के भीतर दाखिला

**इलाहाबाद हाईकोर्ट का ऐतिहासिक आदेश: बच्चों के अधिकारों की रक्षा में उठाया कदम** 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने **शिक्षा के अधिकार** की रक्षा में एक अहम फैसला सुनाया है। न्यायालय ने टिफिन में नॉनवेज लाने के कारण स्कूल से निष्कासित किए गए तीन बच्चों को **सीबीएसई के किसी अन्य विद्यालय में दो सप्ताह के भीतर दाखिला दिलाने** का निर्देश दिया है। यदि आदेश का पालन नहीं होता, तो संबंधित जिलाधिकारी को 6 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। 

### **क्या है पूरा मामला?** 
अमरोहा के एक स्कूल में, सितंबर 2024 में, तीसरी कक्षा के छात्र और उसके भाई-बहनों को **टिफिन में नॉनवेज लाने पर निष्कासित कर दिया गया था।** यह बच्चे केजी, पहली और तीसरी कक्षा में पढ़ रहे थे। स्कूल की इस कार्रवाई के खिलाफ बच्चों के परिजनों ने **इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की।** 

याचिका पर सुनवाई करते हुए **न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ** ने स्पष्ट किया कि **प्रिंसिपल को संकुचित और सांप्रदायिक मानसिकता नहीं रखनी चाहिए।** बच्चों का नाबालिग होना और शिक्षा का अधिकार प्रभावित होना मुख्य आधार बना। 



*पीएचडी छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी एसीपी मोहसिन खान की गिरफ्तारी पर रोक*
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हाईकोर्ट ने **कानपुर में तैनात एसीपी मोहसिन खान** की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। उन पर **आईआईटी से पीएचडी कर रही छात्रा** ने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। **न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान और न्यायमूर्ति अजहर हुसैन इदरीसी** की खंडपीठ ने मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश दिया। यह प्रकरण कानपुर के कल्याणपुर थाने में दर्ज हुआ है और अभी जांच चल रही है। 



**गैंगस्टर मामले में अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज** 

मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक **अब्बास अंसारी की जमानत याचिका** इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने **आपराधिक इतिहास और चल रही जांच** का हवाला देते हुए यह फैसला सुनाया। हालांकि, तीन महीने बाद नई जमानत याचिका दाखिल करने की स्वतंत्रता दी गई है। 



**सीएम योगी के खिलाफ जनहित याचिका** 

न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के विवादित बयान का समर्थन करने पर **मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ** के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका संस्था **पीयूसीएल (पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज)** द्वारा दाखिल की गई है। 

याचिका में कहा गया है कि न्यायमूर्ति यादव ने विहिप के एक कार्यक्रम में **मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विवादास्पद बयान** दिया। उनके बयान का समर्थन करना मुख्यमंत्री पद की गरिमा के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है। 



**निष्कर्ष** 

यह घटनाएं न केवल **संवैधानिक अधिकारों की रक्षा** को लेकर गंभीरता को दर्शाती हैं, बल्कि **सामाजिक समरसता और न्यायपालिका की जिम्मेदारी** को भी उजागर करती हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के ये फैसले भविष्य में **संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए मिसाल** बनेंगे। 

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