6जी: 5जी से 100 गुना तेज तकनीक, रोड-लाइट जैसे सेंसर पर आधारित होगा नेटवर्क

**6जी: 5जी से 100 गुना तेज तकनीक, रोड-लाइट जैसे सेंसर पर आधारित होगा नेटवर्क** 

**वाराणसी।** भारत 6जी तकनीक के विकास में दुनिया का नेतृत्व करने को तैयार है। आईआईटी-बीएचयू में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 6जी के डायरेक्टर जनरल राजेश कुमार पाठक ने बताया कि 6जी तकनीक 5जी से 100 गुना तेज होगी। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि 6जी नेटवर्क के लिए बड़े-बड़े टॉवर लगाने की जरूरत नहीं होगी। इसकी जगह रोड-लाइट्स, बिजली मीटर और अन्य छोटी संरचनाओं पर हल्के सेंसर लगाए जाएंगे। 

### **6जी: भारत का वैश्विक नेतृत्व** 
राजेश कुमार पाठक ने कहा कि भारत ने 4जी और 5जी में दुनियाभर को फॉलो किया, लेकिन 6जी में भारत की भूमिका अग्रणी रहेगी। 6जी नेटवर्क के लिए आवश्यक हर तकनीक, उपकरण और स्पेक्ट्रम भारत में ही निर्मित किए जाएंगे। इसे “मेक इन इंडिया 6जी” के रूप में विकसित किया जा रहा है। 

### **स्मार्ट और इको-फ्रेंडली तकनीक** 
6जी नेटवर्क के उपकरण “शेल्स” कहलाएंगे। ये न केवल स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होंगे, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अनुकूल होंगे। इन सेंसर से निकलने वाले रेडिएशन वाई-फाई या मोबाइल डिवाइस के रेडिएशन के समान होंगे, जो शरीर पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं डालते। यह तकनीक बिना बिजली या डीजल के काम करेगी, जिससे यह अधिक टिकाऊ और किफायती साबित होगी। 

### **आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सैटेलाइट नेटवर्क का उपयोग** 
6जी तकनीक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सैटेलाइट नेटवर्क का उपयोग होगा। इससे डिवाइस आपस में संवाद करेंगे और जरूरत के अनुसार अपना काम खुद संभालेंगे। यह तकनीक मोबाइल ट्रैफिक को भी स्वचालित रूप से प्रबंधित करेगी। 

### **कम ऊर्जा खपत वाले सेंसर** 
6जी डिवाइस सेंसर-बेस्ड होंगे, जो केवल काम के दौरान सक्रिय होंगे और बाकी समय स्लीप मोड में रहेंगे। इससे बैटरी की खपत कम होगी और डिवाइस लंबे समय तक चल सकेंगे। 

### **युद्ध और सुरक्षा में 6जी की भूमिका** 
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. अतुल कुमार ने बताया कि आईआईटी-बीएचयू में एक प्रोटोटाइप विकसित किया गया है, जो रेडिएशन के माध्यम से किसी क्षेत्र में मौजूद लोगों की संख्या का पता लगा सकता है। यह तकनीक आतंकवाद विरोधी अभियानों में बंकरों में छिपे आतंकियों की गिनती करने में मददगार होगी। 

### **2030 तक लॉन्च होगा 6जी नेटवर्क** 
राजेश कुमार पाठक ने बताया कि 6जी तकनीक को 2030 तक भारत में लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है। इस नेटवर्क के माध्यम से भारत तकनीकी नवाचार में वैश्विक स्तर पर अपनी अग्रणी भूमिका स्थापित करेगा। 

### **निष्कर्ष** 
6जी तकनीक न केवल भारत को दुनिया में तकनीकी शक्ति के रूप में स्थापित करेगी, बल्कि यह संचार और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव भी लाएगी। यह भारत के “मेक इन इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” अभियान को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। 

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