**यूपी बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाएं 21 जनवरी से 5 फरवरी तक, शिक्षकों की लिस्ट 23 दिसंबर तक मांगी गई**
**लखनऊ।** उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने वर्ष 2025 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान कर दिया है। ये परीक्षाएं 21 जनवरी से 5 फरवरी 2025 के बीच आयोजित की जाएंगी। इस संबंध में परीक्षकों की नियुक्ति के लिए स्कूलों के प्रधानाचार्यों से 23 दिसंबर तक शिक्षकों की अद्यतन सूची बोर्ड के पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।
### **परीक्षकों की नियुक्ति में प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी**
यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने साफ किया है कि यदि किसी अपात्र या अयोग्य शिक्षक को परीक्षक नियुक्त किया गया, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य की होगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि स्कूल प्रधानाचार्य शिक्षक के नाम, जन्मतिथि, नियुक्ति तिथि, पंजीकरण संख्या, विषय, विषय कोड और अर्हता की गहनता से जांच करें।
### **शिक्षकों की सूची में होनी चाहिए सटीकता**
बोर्ड ने निर्देश दिया है कि अपलोड की जाने वाली सूची त्रुटिहीन होनी चाहिए। यदि कोई त्रुटिपूर्ण या भ्रामक जानकारी के आधार पर शिक्षक को परीक्षक नियुक्त किया गया, तो इसके लिए प्रधानाचार्य उत्तरदायी माने जाएंगे। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि एक शिक्षक का विवरण किसी भी स्थिति में एक से अधिक विद्यालयों से अग्रसारित न हो।
### **गलत विषय के परीक्षक की नियुक्ति पर सख्ती**
सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि शिक्षक केवल उसी विषय का परीक्षक नियुक्त हो, जिसके अध्यापन के लिए वह नियुक्त हैं। इसके लिए विषय कोड और विषय के नाम की सावधानीपूर्वक जांच आवश्यक है। किसी गलत विषय में परीक्षक की नियुक्ति होने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
### **हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं की तैयारी**
यूपी बोर्ड ने 2025 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मुख्य परीक्षाओं का कार्यक्रम पहले ही जारी कर दिया है। बोर्ड परीक्षाओं की सुचारु और पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए केंद्र व्यवस्थापक, बाह्य केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक, और मूल्यांकन परीक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया तेज कर रहा है।
### **अंतिम तिथि का पालन अनिवार्य**
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि 23 दिसंबर 2024 तक शिक्षक विवरण पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। इसके बाद सूची में कोई संशोधन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
### **निष्कर्ष**
यूपी बोर्ड द्वारा शिक्षकों की सूची के लिए दिए गए सख्त निर्देश परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने का प्रयास है। प्रधानाचार्यों को इस दिशा में सतर्क रहकर कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि परीक्षा संचालन बिना किसी बाधा के पूरा किया जा सके।