### **नर्सरी दाखिले के लिए अभिभावकों का बढ़ता तनाव**
**10 से अधिक स्कूलों में आवेदन कर रहे माता-पिता**
**नई दिल्ली।**
शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए दिल्ली के निजी स्कूलों में नर्सरी से पहली कक्षा तक के दाखिलों को लेकर अभिभावकों में काफी प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है। बच्चों के दाखिले को लेकर बढ़ते दबाव के चलते माता-पिता 10 से 15 स्कूलों में आवेदन कर रहे हैं। आवेदन प्रक्रिया 20 दिसंबर को समाप्त होगी, जबकि चयनित बच्चों की पहली सूची जनवरी में जारी होगी।
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### **दाखिले को लेकर बढ़ती प्रतिस्पर्धा**
अभिभावकों का मानना है कि हर स्कूल में दाखिले के नियम और प्रक्रिया कठिन होती जा रही है।
– **अभिभावकों की प्राथमिकता:** स्कूल का बुनियादी ढांचा, फीस संरचना, परिवहन सुविधा और शैक्षिक उपलब्धियां।
– कई अभिभावक डर के कारण ज्यादा से ज्यादा स्कूलों में आवेदन कर रहे हैं ताकि उनका बच्चा किसी भी हालत में दाखिले से वंचित न रह जाए।
**अभिभावक अनिल जैन** बताते हैं, “हमने अभी तक 10 स्कूलों में आवेदन किया है और 5-7 और स्कूलों में करने की योजना है। हमारा मकसद है कि बच्चे का दाखिला अच्छे स्कूल में हो, चाहे इसके लिए कितने ही आवेदन करने पड़ें।”
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### **ज्यादा आवेदन करना कितना कारगर?**
शिक्षाविदों का मानना है कि अभिभावकों का यह डर अनावश्यक है।
– **एवरग्रीन पब्लिक स्कूल** की प्रधानाचार्य प्रियंका गुलाटी कहती हैं, “ज्यादा स्कूलों में आवेदन करने से कोई खास फायदा नहीं होता। माता-पिता को अपने आसपास के 2-3 स्कूलों में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे दाखिले की संभावना बढ़ जाती है और प्रक्रिया भी सरल हो जाती है।”
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### **आवेदन का बढ़ता चलन और दबाव**
दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया के बढ़ते चलन का मुख्य कारण है स्कूलों में सीटों की कमी और बढ़ती प्रतिस्पर्धा।
– दिल्ली में नर्सरी से लेकर पहली कक्षा तक दाखिले की **सामान्य सीटों की संख्या सीमित** होती है।
– बढ़ती संख्या में आवेदन माता-पिता के **आर्थिक और मानसिक दबाव** को भी बढ़ा रहे हैं।
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### **अभिभावकों को क्या करना चाहिए?**
विशेषज्ञों का सुझाव है कि अभिभावकों को रणनीतिक रूप से आवेदन करना चाहिए।
1. **समीप के स्कूलों का चयन:** बच्चों के लिए घर के पास के स्कूल ज्यादा सुविधाजनक और व्यावहारिक होते हैं।
2. **गुणवत्ता पर ध्यान:** फीस या प्रतिष्ठा के बजाय स्कूल की शैक्षिक गुणवत्ता और सुविधाओं को प्राथमिकता दें।
3. **बेफिक्र रहें:** ज्यादा आवेदन करने से दाखिला सुनिश्चित नहीं होता। एक से दो विकल्पों पर भरोसा करना बेहतर है।
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### **निष्कर्ष**
दिल्ली के नर्सरी दाखिले की प्रक्रिया में बढ़ती प्रतिस्पर्धा माता-पिता को अतिरिक्त दबाव में डाल रही है। हालांकि, सही रणनीति और सीमित आवेदन करने से न केवल यह प्रक्रिया आसान हो सकती है, बल्कि बच्चों के लिए सही स्कूल का चयन भी किया जा सकता है। माता-पिता को धैर्य और समझदारी के साथ इस प्रक्रिया को पूरा करने की सलाह दी जाती है।