# **फर्जी दस्तावेजों पर जारी 78.33 लाख मोबाइल नंबर बंद, एआई टूल से हुई पहचान**
दूरसंचार विभाग ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए जारी हुए **78.33 लाख मोबाइल नंबरों** को बंद कर दिया है। यह कार्रवाई एआई आधारित विशेष टूल की मदद से की गई, जिसे विभाग ने विकसित किया है। इस टूल के जरिए मोबाइल नंबरों का दोबारा सत्यापन किया गया, जिसके बाद इन फर्जी नंबरों की पहचान कर उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया।
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## **साइबर अपराध में शामिल मोबाइल नंबर भी हुए बंद**
सिर्फ फर्जी दस्तावेजों पर जारी नंबर ही नहीं, बल्कि **साइबर अपराध में शामिल 6.78 लाख मोबाइल नंबरों** को भी बंद किया गया है। यह जानकारी लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में **संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी** ने दी। उन्होंने बताया कि इन नंबरों की पहचान साइबर अपराध से संबंधित रिपोर्टिंग के आधार पर की गई थी।
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## **सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया हुई सख्त**
दूरसंचार विभाग ने सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को और अधिक सख्त कर दिया है। अब ग्राहक पहचान (केवाईसी) को सख्ती से लागू किया जा रहा है। इसके तहत:
1. **टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं** कि वे सिम कार्ड जारी करने वाले अपने एजेंट, डिस्ट्रीब्यूटर और दुकानदारों का पंजीकरण करें।
2. प्रक्रिया के दौरान ग्राहकों के दस्तावेजों की गहन जांच की जाए।
3. किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
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## **एआई टूल बना फर्जीवाड़े के खिलाफ हथियार**
दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित एआई आधारित टूल फर्जी दस्तावेजों पर जारी मोबाइल नंबरों की पहचान में बेहद प्रभावी साबित हुआ है।
– **टूल का कार्य**: मोबाइल नंबरों का दोबारा सत्यापन करना और उन नंबरों की पहचान करना, जिनके दस्तावेज संदिग्ध हैं।
– इस प्रक्रिया से **न केवल फर्जीवाड़े पर रोक लगी**, बल्कि साइबर अपराध के मामलों को भी कम करने में मदद मिली है।
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## **फर्जी सिम के दुष्प्रभाव और सरकार की सख्ती**
फर्जी दस्तावेजों पर जारी सिम कार्ड का उपयोग कई **अवैध गतिविधियों** जैसे कि **साइबर अपराध, ठगी, और धोखाधड़ी** में किया जाता है।
– सरकार ने इस पर लगाम लगाने के लिए **सख्त कदम उठाए हैं।**
– एआई टूल और केवाईसी प्रक्रिया को सख्त बनाकर दूरसंचार क्षेत्र में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
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## **निष्कर्ष**
फर्जी मोबाइल नंबरों को बंद करना और सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को सख्त बनाना, सरकार की सुरक्षा और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एआई टूल्स के उपयोग से न केवल फर्जीवाड़े पर लगाम लगी है, बल्कि साइबर अपराध को भी नियंत्रित किया जा रहा है।
इस कदम से देश में डिजिटल सुरक्षा को मजबूत बनाने और दूरसंचार क्षेत्र में पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी। यह पहल भारत को डिजिटल रूप से और अधिक सुरक्षित और विकसित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।