उत्तर प्रदेश में लेखपालों की कमी पूरी करने के लिए नई व्यवस्था

# **उत्तर प्रदेश में लेखपालों की कमी पूरी करने के लिए नई व्यवस्था**

उत्तर प्रदेश में राजस्व विभाग के सामने **लेखपालों की भारी कमी** एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। राज्य के **1.10 लाख गांवों** में राजस्व कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए **50,000 लेखपालों की आवश्यकता** है, जबकि वर्तमान में **30,800 पद स्वीकृत** हैं और केवल **23,000 लेखपाल ही तैनात** हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए **राजस्व परिषद** ने एक **नया फार्मूला** तैयार किया है, जिसमें **अमीनों को लेखपाल के कार्यों में लगाया जाएगा।**



## **अमीन बनेंगे लेखपाल: नई पहल**
राजस्व परिषद ने यह तय किया है कि **ऑनलाइन राजस्व वसूली व्यवस्था लागू होने के बाद** अमीनों के कार्यभार में कमी आई है। इस स्थिति का लाभ उठाते हुए, अमीनों को लेखपालों के कार्यों में **प्रशिक्षण देकर सक्षम** बनाया जाएगा। इस व्यवस्था के तहत अमीन अब **कागजों पर अपने पद पर बने रहेंगे**, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र में लेखपाल की जिम्मेदारियां जोड़ दी जाएंगी। 



## **दो-दो गांवों पर एक लेखपाल की तैनाती**
राजस्व परिषद की योजना के अनुसार, **प्रत्येक दो गांवों पर एक लेखपाल** की तैनाती की जाएगी। इस योजना को सफल बनाने के लिए अमीनों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। परिषद ने **अमीन संघ के साथ बैठक** कर इस विषय पर चर्चा भी कर ली है। 



## **लेखपाल और अमीन: दोनों पदों का महत्व**
राजस्व विभाग में लेखपाल और अमीन, दोनों ही पद बेहद महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, वर्तमान समय में लेखपालों की कमी के चलते उनके जिम्मे **चार से पांच गांवों का कार्यभार** है। इस स्थिति को हल करने के लिए अमीनों का सहारा लिया जा रहा है। 



## **पदों की स्थिति: लेखपाल और अमीन**
**लेखपाल** 
  – **30,800 स्वीकृत पद** 
  – **23,000 पद भरे हुए** 
  – **20,000 और पदों की आवश्यकता** 

**अमीन** 
  – **9,049 स्वीकृत पद** 
  – **5,000 पद भरे हुए** 
  – **4,049 पद खाली** 



## **भविष्य की चुनौतियां और संभावनाएं**
राजस्व विभाग की इस नई व्यवस्था से जहां एक ओर लेखपालों की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर अमीनों के कार्यक्षेत्र में बदलाव से प्रशासनिक संरचना पर भी प्रभाव पड़ेगा। यह योजना ग्रामीण स्तर पर राजस्व कार्यों को तेज और प्रभावी बनाने के लिए **एक महत्वपूर्ण कदम** साबित हो सकती है। 

राजस्व परिषद को उम्मीद है कि **अमीनों को प्रशिक्षित कर लेखपालों के कार्यों में शामिल करना** राज्य में **राजस्व प्रशासन को सुदृढ़ और व्यवस्थित** करेगा।

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