### **उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम: नए विश्वविद्यालय और कॉलेज खुलने की तैयारी**
**नई दिल्ली।** केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों की घोषणा के बाद केंद्र सरकार अब **उच्च शिक्षा** को सशक्त बनाने के लिए पिछड़े राज्यों में नए विश्वविद्यालय और कॉलेज खोलने की तैयारी कर रही है। यह कदम **राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020** (एनईपी) के तहत **2035 तक उच्च शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात (GER)** को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उठाया जा रहा है।
### **पिछड़े राज्यों को प्राथमिकता**
इन नए शिक्षण संस्थानों को उन राज्यों और जिलों में खोला जाएगा, जहां उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात (GER) राष्ट्रीय औसत से कम है। साथ ही, 18 से 23 वर्ष के प्रति एक लाख युवाओं पर उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या भी काफी कम है। इस पहल के तहत **बिहार**, **उत्तर प्रदेश**, **झारखंड**, **ओडिशा**, और **छत्तीसगढ़** जैसे राज्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
### **जीईआर और कॉलेजों की संख्या: एक चिंताजनक तस्वीर**
देश में वर्तमान में उच्च शिक्षा का GER केवल 28 प्रतिशत है। तुलना करें तो स्कूली शिक्षा में 26 करोड़ से अधिक छात्र पंजीकृत हैं, लेकिन उच्च शिक्षा में केवल चार करोड़ छात्र हैं। कुछ प्रमुख राज्यों की स्थिति:
– **बिहार**: GER 17.1%, प्रति लाख पर केवल 7 कॉलेज।
– **झारखंड**: GER 18.6%, प्रति लाख पर 8 कॉलेज।
– **उत्तर प्रदेश**: GER 24.1%, प्रति लाख पर 29 कॉलेज।
यह आंकड़े दिखाते हैं कि इन राज्यों में उच्च शिक्षा के अवसर सीमित हैं, जो छात्रों की पढ़ाई को बाधित कर रहे हैं।
### **कैसे सुधरेगी उच्च शिक्षा की स्थिति?**
शिक्षा मंत्रालय ने इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को पूरा करने के लिए व्यापक योजना तैयार की है:
1. **नए संस्थान खोलना:** मंत्रालय खुद कुछ संस्थान खोलेगा और राज्यों को इस कार्य में सहायता प्रदान करेगा।
2. **इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार:** मौजूदा उच्च शिक्षा संस्थानों को अपग्रेड किया जाएगा।
3. **शिक्षा और काम का संतुलन:** पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों के लिए **फ्लेक्सिबल लर्निंग** मॉडल अपनाया जाएगा। यदि छात्र पढ़ाई छोड़कर काम कर रहे हैं, तो उनके कार्य अनुभव को भी उच्च शिक्षा से जोड़ा जाएगा।
### **10 सालों का रोडमैप तैयार**
शिक्षा मंत्रालय ने अगले 10 वर्षों में उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया है। इसका उद्देश्य न केवल नए संस्थानों की स्थापना करना है, बल्कि छात्रों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना और उन्हें समुचित अवसर प्रदान करना है।
### **नए संस्थानों से भविष्य की उम्मीद**
केंद्र सरकार की यह पहल उच्च शिक्षा को हर वर्ग तक पहुंचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। **राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020** का लक्ष्य, सभी को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ शिक्षा प्रदान करना है। नए विश्वविद्यालय और कॉलेज खोलने से देश की शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा मिलेगी।
**”शिक्षा के क्षेत्र में यह क्रांति न केवल देश के भविष्य को मजबूत करेगी, बल्कि लाखों युवाओं को आत्मनिर्भर बनने में भी मदद करेगी।”**
