### **छुट्टा मवेशियों से परेशान किसान, स्कूल में बंद किए तीन दर्जन पशु**
**फखरपुर (उत्तर प्रदेश)**। छुट्टा मवेशियों से परेशान किसानों ने अपनी फसलों को बचाने के लिए अनोखा कदम उठाया। तीन गांवों के किसानों ने शनिवार रात करीब तीन दर्जन आवारा सांड़ और गायों को हांककर धर्मपुर पहिया गांव के विद्यालय में बंद कर दिया। यह घटना प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर रही है कि आखिर कब तक किसान आवारा पशुओं की समस्या से जूझते रहेंगे।
### **किसानों की रातों की नींद उड़ी**
फखरपुर ब्लॉक के **बिसवां**, **छत्तरपुरवा**, और **बेहटा चूड़ामणि** गांवों के किसानों के लिए आवारा पशु बड़ी चुनौती बन गए हैं। ये मवेशी खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है। किसान ठंड भरी सर्द रातों में जागकर अपनी फसल की रखवाली कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी फसलें सुरक्षित नहीं हैं।
### **मवेशियों को स्कूल में बंद करने का निर्णय**
अपनी समस्या का हल न मिलता देख, शनिवार रात ग्रामीणों ने धर्मपुर पहिया प्राथमिक विद्यालय का मुख्य गेट तोड़कर **तीन दर्जन मवेशियों** को स्कूल के अंदर बंद कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को उनकी समस्या का हल निकालना चाहिए, क्योंकि उनकी रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है।
### **प्रशासन ने उठाए कदम**
रविवार दोपहर यह मामला **फखरपुर बीडीओ अजीत प्रताप सिंह** के संज्ञान में आया। उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए अपने अमले और वाहन को मौके पर भेजा। मवेशियों को **पिकअप ट्रकों** में लादकर गौहनियां गौशाला में पहुंचाया गया। बीडीओ ने बताया कि आवारा पशुओं को गौशालाओं में भेजने का अभियान चलाया जा रहा है, ताकि किसानों को राहत मिल सके।
### **आवारा पशुओं की समस्या पर प्रशासन की उदासीनता**
किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा बनाए गए गौशालाओं में क्षमता से अधिक पशु हैं, जिससे छुट्टा मवेशी सड़कों और खेतों में घूमने को मजबूर हैं। इस समस्या का समाधान न होने पर किसान असहाय महसूस कर रहे हैं।
### **स्थायी समाधान की मांग**
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि:
1. **गौशालाओं की क्षमता बढ़ाई जाए**, ताकि सभी आवारा पशुओं को वहां भेजा जा सके।
2. खेतों को नुकसान से बचाने के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए।
3. आवारा पशुओं की समस्या से जुड़े अभियानों की नियमित निगरानी की जाए।
### **”किसान हमारी रीढ़, उनकी समस्याओं का समाधान जरूरी”**
छुट्टा मवेशियों की समस्या न केवल किसानों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय बन चुकी है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मुद्दे को प्राथमिकता दे और ऐसा समाधान निकाले, जिससे किसानों की मेहनत और फसलें सुरक्षित रहें। **किसानों के फसल बचाने के संघर्ष को अनदेखा नहीं किया जा सकता।**
