स्मार्टफोन की लत: परिवारिक रिश्तों में बढ़ती दूरियां.. आयी रिसर्च…

# **स्मार्टफोन की लत: परिवारिक रिश्तों में बढ़ती दूरियां** 

**नई दिल्ली।** 
स्मार्टफोन का बढ़ता उपयोग बच्चों और माता-पिता के रिश्तों को कमजोर कर रहा है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, स्मार्टफोन और इंटरनेट मीडिया का अंधाधुंध उपयोग परिवारों में दूरी और संवादहीनता को बढ़ावा दे रहा है। **स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो और साइबर मीडिया रिसर्च द्वारा किए गए ‘वीवो स्विच ऑफ 2024’ सर्वेक्षण** में इन चिंताजनक तथ्यों का खुलासा हुआ है। 

## **माता-पिता और बच्चों के रिश्तों पर स्मार्टफोन का प्रभाव** 
सर्वेक्षण के अनुसार, **76% बच्चे और 84% अभिभावक अधिक समय साथ बिताना चाहते हैं**, लेकिन स्मार्टफोन और इंटरनेट मीडिया इसके रास्ते में बाधा बन रहे हैं। माता-पिता और बच्चों के बीच आपसी बातचीत और समझ का अभाव बढ़ता जा रहा है। 

**अभिभावक औसतन पांच घंटे और बच्चे चार घंटे स्मार्टफोन पर बिताते हैं।** 
– 76% अभिभावकों और 71% बच्चों ने स्वीकार किया कि वे स्मार्टफोन के बिना नहीं रह सकते। 
– **64% बच्चों ने माना कि उन्हें स्मार्टफोन की लत लग चुकी है।** 

## **बच्चों की सोच: स्मार्टफोन में सीमित सुविधाएं होनी चाहिए** 
दिलचस्प बात यह है कि 94% बच्चे चाहते हैं कि उनके माता-पिता के स्मार्टफोन में केवल **कालिंग, मैसेजिंग और कैमरा** जैसे फीचर्स ही उपलब्ध हों। बच्चे नहीं चाहते कि माता-पिता के स्मार्टफोन में इंटरनेट मीडिया, एंटरटेनमेंट और गेमिंग एप्स की सुविधा हो, क्योंकि यह उनकी आपसी बातचीत में बाधा डालता है। 

## **स्मार्टफोन की लत से बढ़ती चिंताएं** 
अभिभावकों की चिंता यह है कि स्मार्टफोन की लत बच्चों और परिवार के बीच के **सार्थक रिश्तों को कमजोर कर रही है।** बावजूद इसके, बच्चे और अभिभावक दोनों ही स्मार्टफोन की आदत को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। 

60% बच्चों का कहना है कि यदि उनके दोस्त इंटरनेट मीडिया छोड़ दें, तो वे भी इसका उपयोग बंद कर देंगे। 
– हर तीन में से एक बच्चे ने कहा कि **इंटरनेट मीडिया एप्स का आविष्कार ही नहीं होना चाहिए था।** 

## **ऑस्ट्रेलिया का कदम: 16 साल तक के बच्चों के इंटरनेट उपयोग पर रोक** 
बच्चों में बढ़ती स्मार्टफोन की लत और इसके नकारात्मक प्रभावों को देखते हुए **ऑस्ट्रेलिया ने 16 वर्ष तक के बच्चों के इंटरनेट उपयोग पर रोक** लगा दी है। यह कदम बच्चों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक मिसाल बन सकता है। 

## **तकनीक का सकारात्मक उपयोग जरूरी** 
**वीवो इंडिया के कॉर्पोरेट स्ट्रैटेजी हेड गीतज चन्नना** का कहना है कि, 
*”तकनीक का इस्तेमाल सकारात्मक बदलाव लाने और जीवन को आसान बनाने के लिए होना चाहिए। लेकिन स्मार्टफोन का अनुचित उपयोग रिश्तों को प्रभावित कर सकता है।”* 

## **क्या परिवार स्मार्टफोन की लत से बच सकते हैं?** 
सर्वेक्षण से यह स्पष्ट है कि स्मार्टफोन का अतिरेक बच्चों और अभिभावकों के रिश्तों को प्रभावित कर रहा है। इस समस्या का समाधान करने के लिए **तकनीक का संतुलित उपयोग** और पारिवारिक संवाद को प्राथमिकता देना आवश्यक है। परिवार को चाहिए कि वे स्मार्टफोन से दूरी बनाकर एक-दूसरे के साथ समय बिताएं और मजबूत रिश्ते बनाएं। 

स्मार्टफोन की दुनिया में परिवार के बीच सार्थक रिश्ते बनाए रखने के लिए हर किसी को अपनी भूमिका समझनी होगी। सिर्फ तकनीक पर निर्भर रहना ही नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन में संबंधों को प्राथमिकता देना ही सच्ची खुशी का आधार हो सकता है। 

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