स्कूल के गेट गिरने से चार वर्षीय बालक की मौत गांव में आक्रोश पढ़िए पूरा मामला..

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# **निजी स्कूल के गेट गिरने से चार वर्षीय बालक की मौत** 

**बेहडपुरवा,  
कुर्सी क्षेत्र के बेहडपुरवा गांव स्थित एक निजी स्कूल के बाहर मंगलवार शाम दर्दनाक हादसा हो गया। स्कूल के गेट के गिरने से एक चार वर्षीय बालक की मौत हो गई। इस घटना ने गांव में शोक और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। 

## **घटना का विवरण** 
घटना शाम चार बजे की है, जब स्कूल की छुट्टी हो चुकी थी और गांव के कुछ बच्चे स्कूल के बाहर खेल रहे थे। इन्हीं बच्चों में चार वर्षीय रियांश सिंह, निवासी ऋतिक भी खेल रहा था। अचानक स्कूल का गेट रियांश के ऊपर गिर पड़ा। गेट के नीचे दबे रियांश को देखकर उसके साथ खेल रहे बच्चों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। 

परिजनों और ग्रामीणों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर गेट को हटाया और रियांश को बाहर निकाला। गंभीर रूप से घायल रियांश को परिजन तत्काल लखनऊ के मेडिकल कॉलेज में ले गए, लेकिन देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। 

## **ग्रामीणों में आक्रोश** 
घटना के बाद गांव के लोगों में स्कूल प्रबंधन के प्रति भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा स्कूल की लापरवाही का परिणाम है। **स्कूल प्रबंधन द्वारा जर्जर गेट को ठीक नहीं किया गया था, जिससे यह दुखद घटना हुई।** 

## **प्रशासनिक प्रतिक्रिया** 
**सुषमा सेंगर, खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) निन्दुरा**, ने कहा, 
*”स्कूल की कक्षा पांच तक की मान्यता है। गेट गिरने से बालक की मौत की सूचना मिली है। मामले की जांच कराई जाएगी।”* 

**संतोष कुमार देव पाण्डेय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए)** ने बताया, 
*”स्कूल की छुट्टी होने के बाद बच्चे खेल रहे थे, उसी दौरान यह घटना घटी। मामले की जांच की जा रही है।”* 

## **परिजनों की प्रतिक्रिया** 
घटना के बाद रियांश के माता-पिता गहरे शोक में हैं। रियांश के पिता ने कहा कि उन्होंने अभी पुलिस में कोई तहरीर नहीं दी है। देर रात रियांश का शव गांव लाया गया, जहां पूरा गांव शोकाकुल नजर आया। 

## **प्रशासन से न्याय की उम्मीद** 
ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले में कड़ी कार्रवाई और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ उचित कदम उठाने की मांग की है। हालांकि, परिजनों द्वारा तहरीर न देने से अभी कोई कानूनी कार्यवाही शुरू नहीं हुई है। 

यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करती है, बल्कि निजी स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े करती है। ग्रामीणों और परिजनों को अब प्रशासन से न्याय की उम्मीद है। 

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