**कोविड लॉकडाउन का किशोरों के मस्तिष्क पर असर: शोध में चौंकाने वाले खुलासे**
**नई दिल्ली:** हाल ही में एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि **कोविड-19 लॉकडाउन** के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों और सामाजिक दूरी के नियमों ने किशोरों के मस्तिष्क की संरचना पर गहरा असर डाला है। सिएटल स्थित वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने **एमआरआई डेटा** का अध्ययन कर यह पाया कि लॉकडाउन के कारण किशोरों के मस्तिष्क की **कॉर्टेक्स (मस्तिष्क की सतह)** की परिपक्वता प्रक्रिया में तेज़ी आई है। सामान्य परिस्थितियों में यह प्रक्रिया उम्र बढ़ने के साथ होती है, लेकिन लॉकडाउन के प्रभाव से यह प्रक्रिया असामान्य रूप से तेज हो गई।
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### **मस्तिष्क संरचना में बदलाव: क्या कहते हैं शोध?**
शोधकर्ताओं के अनुसार, मस्तिष्क की **कॉर्टेक्स** यानी मुड़ी हुई सतह का पतलापन आमतौर पर परिपक्वता के संकेत के रूप में देखा जाता है।
– **लॉकडाउन के बाद:**
किशोरों के मस्तिष्क में यह प्रक्रिया असामान्य रूप से तेज हो गई।
– **लड़कियों में अधिक प्रभाव:**
अध्ययन में यह पाया गया कि इसका प्रभाव **लड़कियों के मस्तिष्क** में अधिक देखा गया।
**कॉर्टेक्स पतला होने का क्या मतलब है?**
मस्तिष्क की परिपक्वता तक पहुँचने के दौरान कई बदलाव होते हैं। इनमें से एक कॉर्टेक्स का पतलापन है। लेकिन लॉकडाउन ने इस प्रक्रिया को तेज कर दिया, जिससे मस्तिष्क की उम्र बढ़ने की प्राकृतिक दर प्रभावित हो सकती है।
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### **किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर**
लॉकडाउन के दौरान किशोरों को स्कूल, दोस्तों और सामान्य दिनचर्या से दूर रहना पड़ा।
– इससे **मानसिक स्वास्थ्य** पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
– **अकेलापन और तनाव** जैसे कारकों ने मस्तिष्क की संरचना को प्रभावित किया।
शोधकर्ताओं का कहना है कि **मस्तिष्क की संरचनात्मक बदलाव** से भविष्य में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
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### **पहले भी आए थे ऐसे दावे**
यह पहली बार नहीं है जब लॉकडाउन और मस्तिष्क पर उसके प्रभावों को लेकर चिंता जाहिर की गई है।
– **2022 में एक शोध:**
इसमें यह दावा किया गया था कि किशोरावस्था के दौरान मस्तिष्क के **ललाट क्षेत्र** (फ्रंटल कॉर्टेक्स) में नरमता का एक महत्वपूर्ण दौर होता है।
– लॉकडाउन ने इस प्रक्रिया को बाधित कर मस्तिष्क की **परिपक्वता और विकास** को प्रभावित किया।
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### **क्या हो सकता है समाधान?**
विशेषज्ञों के अनुसार, किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य और मस्तिष्क संरचना को बेहतर बनाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:
1. **मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान:**
किशोरों के लिए काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करानी चाहिए।
2. **सामाजिक जुड़ाव:**
बच्चों को फिर से सामाजिक गतिविधियों में शामिल करना जरूरी है।
3. **शारीरिक और मानसिक गतिविधियां:**
योग, ध्यान, और खेल-कूद को दिनचर्या का हिस्सा बनाना लाभदायक हो सकता है।
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### **निष्कर्ष**
लॉकडाउन का किशोरों के मानसिक और शारीरिक विकास पर प्रभाव एक गंभीर मुद्दा है। **मस्तिष्क संरचना में हुए बदलावों** के दीर्घकालिक प्रभावों को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। यह जरूरी है कि बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए, ताकि भविष्य में संभावित समस्याओं को कम किया जा सके।
