**माध्यमिक शिक्षक संघ का विधान भवन घेराव आंदोलन स्थगित**
**लखनऊ। प्रमुख संवाददाता।**
माध्यमिक शिक्षक संघ ने बुधवार को विधान भवन घेराव का प्रस्तावित आंदोलन स्थगित कर दिया है। यह निर्णय मंगलवार को अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा **दीपक कुमार** और शिक्षक नेताओं के बीच हुई वार्ता के बाद लिया गया। इस वार्ता का आयोजन मुख्यमंत्री **योगी आदित्यनाथ** के निर्देश पर किया गया, जिसमें शिक्षकों की प्रमुख मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई।
### **मुख्यमंत्री ने दिया सकारात्मक आश्वासन**
सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक नेताओं के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और **अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा** को इन समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षक नेताओं से वार्ता करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के इस पहल के बाद मंगलवार को माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच वार्ता सफल रही।
### **18 सूत्रीय मांगों पर विस्तृत चर्चा**
शिक्षक नेताओं और प्रशासन के बीच हुई बैठक में संगठन की **18 सूत्रीय मांगों** पर विचार-विमर्श किया गया। इनमें प्रमुख मुद्दे थे:
1. **शिक्षा सेवा आयोग में धारा 21 जैसी व्यवस्था का न होना।**
2. **प्रोन्नति और वेतन संबंधी समस्याएं।**
3. **शिक्षकों के अधिकार और अन्य सुविधाएं।**
शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री **संजय द्विवेदी**, शिक्षक नेता और एमएलसी **राजबहादुर सिंह चंदेल**, पूर्व एमएलसी **चेतनारायण सिंह**, **लवकुश मिश्रा**, और **महेश चंद्र शर्मा** इस वार्ता में शामिल थे।
### **प्रमुख मांगों पर प्रशासन का सकारात्मक रुख**
वार्ता के बाद प्रशासन ने प्रमुख मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाने का आश्वासन दिया। इसके तहत शिक्षकों की समस्याओं को प्राथमिकता से निपटाने का वादा किया गया है। इस आश्वासन के बाद माध्यमिक शिक्षक संघ ने अपने **विधान भवन घेराव आंदोलन** को फिलहाल स्थगित कर दिया है।
### **संगठन ने जताई संतुष्टि**
शिक्षक नेताओं ने वार्ता के नतीजों पर संतोष व्यक्त किया। संघ का कहना है कि सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन पर अमल होता है तो यह शिक्षकों के हित में बड़ा कदम होगा। संघ ने उम्मीद जताई कि उनकी मांगों का समाधान जल्द होगा, जिससे शिक्षा क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
### **निष्कर्ष**
माध्यमिक शिक्षक संघ का यह निर्णय शिक्षक और प्रशासन के बीच बेहतर संवाद का संकेत देता है। वार्ता के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालने की यह पहल प्रदेश में शिक्षकों और सरकार के बीच संबंध सुधारने का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। हालांकि, संगठन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि आश्वासनों पर समयबद्ध तरीके से अमल नहीं हुआ तो आंदोलन का विकल्प खुला रहेगा।
