**बिजली दरों में बढ़ोतरी की संभावना: पावर कॉर्पोरेशन ने दाखिल किया घाटे का मसौदा**
लखनऊ: पावर कॉर्पोरेशन ने वर्ष 2025-26 के लिए अपनी **वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर)** का मसौदा विद्युत नियामक आयोग में पेश कर दिया है। इस मसौदे में लगभग **12800 से 13000 करोड़ रुपये का घाटा** दिखाया गया है। यदि नियामक आयोग ने इस मसौदे को मंजूरी दी, तो बिजली दरों में **15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी** संभव है।
### **घाटा और बिजली दर का विवरण**
पावर कॉर्पोरेशन द्वारा दाखिल किए गए मसौदे के अनुसार, कुल एआरआर का मूल्य **1.16 लाख करोड़ रुपये** आंका गया है। इसमें बिजली खरीद की लागत **92 से 95 हजार करोड़ रुपये** के बीच है। निगम ने बताया कि वर्ष 2025-26 में **16 हजार करोड़ यूनिट** बिजली की आवश्यकता होगी।
### **घरेलू बिजली दरों का मौजूदा ढांचा**
| **उपभोग (यूनिट में)** | **शहरी क्षेत्र (₹/यूनिट)** | **ग्रामीण क्षेत्र (₹/यूनिट)** |
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| 100 तक | 5.50 | 3.35 |
| 101-150 | 5.50 | 3.85 |
| 151-300 | 6.00 | 5.00 |
| 300 से अधिक | 6.50 | 5.50 |
### **पिछले वर्षों का प्रदर्शन**
पिछले साल पावर कॉर्पोरेशन ने **11 से 12 हजार करोड़ रुपये का घाटा** बताया था, जिसमें लाइन हानियां 13.6 प्रतिशत थीं। वहीं 2023-24 में दाखिल एआरआर की कुल लागत लगभग **92547 करोड़ रुपये** थी। इस साल घाटे का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है।
### **उपभोक्ता परिषद की आपत्ति**
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष **अवधेश कुमार वर्मा** ने एआरआर मसौदे में कई खामियों की ओर इशारा किया है:
1. **33122 करोड़ रुपये के बकाए का उल्लेख नहीं:** परिषद का आरोप है कि निगमों पर उपभोक्ताओं का बड़ा बकाया होने के बावजूद इसे दरों में कमी के लिए नहीं जोड़ा गया।
2. **दक्षिणांचल और पूर्वांचल निगमों का अलग उल्लेख नहीं:** प्रस्ताव में इन दोनों निगमों के अलग संचालन की बात नहीं की गई है।
3. **गुपचुप तरीके से दाखिल प्रस्ताव:** परिषद ने नियामक आयोग में विरोध प्रस्ताव दाखिल करने की घोषणा की है।
### **निजीकरण पर विवाद**
उपभोक्ता परिषद ने दक्षिणांचल और पूर्वांचल निगमों के निदेशक मंडल को बर्खास्त करने और प्रशासक नियुक्त करने की मांग की है। परिषद का आरोप है कि **पावर कॉर्पोरेशन के पास लाइसेंस नहीं** है, और वह निजीकरण के नाम पर निजी घरानों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
### **बिजली दरों में वृद्धि का असर**
यदि नियामक आयोग ने घाटे की भरपाई के लिए प्रस्तावित बढ़ोतरी को मंजूरी दी, तो इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। **15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि** घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय बोझ बढ़ा सकती है।
### **निष्कर्ष**
पावर कॉर्पोरेशन द्वारा दाखिल एआरआर मसौदे ने उपभोक्ताओं के बीच चिंता बढ़ा दी है। घाटे की भरपाई और निजीकरण की योजनाओं को लेकर निगम और उपभोक्ता परिषद के बीच मतभेद साफ नजर आ रहे हैं। अब नियामक आयोग के फैसले पर नजर है कि वह इन मुद्दों को किस तरह सुलझाता है।

