प्रदेश के विद्यालयों में बच्चों के बहुमुखी विकास के लिए बनेगी नई पहल: क्लबों का गठन,देखिए🤷 उनकी लंबी लिस्ट कराना अनिवार्य

**प्रदेश के विद्यालयों में बच्चों के बहुमुखी विकास के लिए बनेगी नई पहल: क्लबों का गठन अनिवार्य** 

बच्चों के शैक्षिक और व्यक्तिगत विकास को नई दिशा देने के लिए **बेसिक शिक्षा विभाग** ने परिषदीय विद्यालयों में विभिन्न क्लबों के गठन का निर्णय लिया है। इन क्लबों के माध्यम से बच्चों को सीखने के नए अवसर मिलेंगे और उनके सामाजिक कौशल, नेतृत्व क्षमता और जवाबदेही को विकसित किया जाएगा। यह पहल बच्चों में नवाचार और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से की गई है। 

**क्लबों का गठन: बहुमुखी विकास की ओर कदम** 
बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम ने प्रदेश के सभी **जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए)** को निर्देश दिए हैं कि परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में विभिन्न क्लबों का गठन किया जाए। इन क्लबों में बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों की भी भागीदारी होगी। 

प्रमुख क्लब जो बनाए जाएंगे: 
**ईको क्लब**: पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग की समझ बढ़ाने के लिए। 
**स्पोर्ट्स क्लब**: खेल गतिविधियों और शारीरिक फिटनेस को प्रोत्साहित करने के लिए। 
– **गणित क्लब**: बच्चों की गणितीय सोच और समस्याओं को सुलझाने की क्षमता बढ़ाने के लिए। 
**विज्ञान क्लब**: वैज्ञानिक दृष्टिकोण और प्रयोगात्मक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए। 
– **ज्योग्राफी क्लब**: बच्चों को भौगोलिक ज्ञान और प्राकृतिक संसाधनों की जानकारी देने के लिए। 
– **रीडिंग क्लब**: पढ़ने की आदतों को बढ़ावा देने और साहित्य से जोड़ने के लिए। 
– **सिविक सेंस क्लब**: बच्चों में नागरिक भावना और सामाजिक जिम्मेदारी विकसित करने के लिए। 
– **डिजिटल इनीशिएटिव क्लब**: डिजिटल साक्षरता और तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए। 
– **कला, संगीत और नाट्य क्लब**: बच्चों के रचनात्मक और सांस्कृतिक कौशल को निखारने के लिए। 
– **हेल्थ एंड योग क्लब**: बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए। 

**छात्र-शिक्षकों की भागीदारी अनिवार्य** 
प्रत्येक क्लब में कम से कम चार छात्र-छात्राओं की भागीदारी अनिवार्य होगी। साथ ही, विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक भी इन क्लबों का हिस्सा होंगे। क्लबों के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण, स्वास्थ्य, खेल, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल शिक्षा, और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूक किया जाएगा। 

**शिक्षा में नवाचार की पहल** 
यह पहल बच्चों के बहुमुखी विकास की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है। क्लब गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को न केवल पाठ्यक्रम से जुड़ी शिक्षा दी जाएगी, बल्कि उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और समस्याओं को हल करने की क्षमता भी विकसित की जाएगी। 

**सप्ताह में एक दिन क्लब गतिविधियों के लिए होगा समर्पित** 
इन क्लबों की गतिविधियां प्रत्येक सप्ताह के **शनिवार को अंतिम दो कक्षाओं** के दौरान आयोजित की जाएंगी। इन गतिविधियों में वृक्षारोपण, खेल प्रतियोगिताएं, योगाभ्यास, गणितीय पहेलियां, विज्ञान के प्रयोग, किताबों पर चर्चा, कहानी सुनाना, और नाटक जैसे रचनात्मक आयोजन शामिल होंगे। 

**बच्चों के विकास के लिए नई दिशा** 
इस पहल से बच्चों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक विकास को नई दिशा मिलेगी। यह न केवल शिक्षा के स्तर को सुधारने का प्रयास है, बल्कि बच्चों को समाज और जीवन के प्रति जागरूक, जिम्मेदार और आत्मनिर्भर बनाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। 

**निष्कर्ष** 
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में क्लबों का गठन बच्चों के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगा। यह पहल न केवल बच्चों की पढ़ाई को रोचक बनाएगी बल्कि उन्हें जीवन कौशल और सामाजिक जिम्मेदारी के लिए भी तैयार करेगी। शिक्षा विभाग का यह प्रयास बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। 

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