**निपुण एसेसमेंट टेस्ट: पहले दिन 37 हजार छात्र रहे गैरहाजिर, 80% बच्चों ने दी परीक्षा**
बेसिक स्कूलों में बच्चों की शैक्षिक स्थिति का आकलन करने के लिए आयोजित **निपुण एसेसमेंट टेस्ट** के पहले दिन शुक्रवार को कक्षा 1 से 3 तक के छात्रों की परीक्षा हुई। इस परीक्षा में 1.48 लाख से अधिक बच्चों ने भाग लिया, लेकिन 37 हजार से अधिक छात्र अनुपस्थित रहे। परीक्षा के दौरान बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर (डीसी) स्कूलों का निरीक्षण करते रहे। हालांकि, परीक्षा के बाद शिक्षकों को **ओएमआर शीट अपलोड** करने में नेटवर्क संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
**2803 बेसिक स्कूलों में हुआ परीक्षा का आयोजन**
जिले के 2803 बेसिक स्कूलों में आयोजित इस परीक्षा का उद्देश्य बच्चों की शैक्षिक स्थिति का मूल्यांकन करना था। शुक्रवार को प्राथमिक स्तर पर 2434 स्कूलों के 1.86 लाख पंजीकृत बच्चों के लिए यह टेस्ट आयोजित किया गया। बच्चों का टेस्ट **ओएमआर शीट** पर लिया गया, जहां एक शीट पर अधिकतम 10 बच्चों के उत्तर रिकॉर्ड किए गए।
**कम उपस्थिति पर शिक्षकों ने किया अभिभावकों से संवाद**
परीक्षा के दौरान कई स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम पाई गई। पर्यवेक्षकों ने यह जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को सौंपी। कुछ स्कूलों में शिक्षक गांव-गांव जाकर अभिभावकों से संवाद कर बच्चों को स्कूल लाने में सफल रहे। इसके बावजूद कई स्थानों पर छात्रों की उपस्थिति में कमी देखी गई।
**शनिवार को कक्षा 4 से 8 तक का होगा टेस्ट**
परीक्षा के दूसरे दिन शनिवार को कक्षा 4 से 8 तक के पंजीकृत विद्यार्थियों का टेस्ट आयोजित किया जाएगा। इन कक्षाओं के छात्र स्वयं अपनी **ओएमआर शीट** भरेंगे। पर्यवेक्षकों की टीम परीक्षा की शुचिता बनाए रखने और सटीक मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में मौजूद रहेगी।
**परीक्षा के शुचितापूर्ण आयोजन की पहल**
बीएसए आशीष कुमार सिंह ने कहा, *”पहले दिन की परीक्षा शुचितापूर्ण तरीके से संपन्न हो गई है। शनिवार को होने वाली परीक्षा के लिए भी सभी पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए गए हैं।”* उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों को परीक्षा से पहले छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कुछ स्कूलों में कम उपस्थिति चिंता का विषय है।
**नेटवर्क समस्या बनी चुनौती**
परीक्षा के बाद शिक्षकों को **ओएमआर शीट परख पोर्टल** पर अपलोड करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। नेटवर्क की समस्या ने शीट अपलोडिंग प्रक्रिया को धीमा कर दिया। शिक्षा विभाग इस समस्या को जल्द हल करने के प्रयास में है ताकि भविष्य में ऐसी परेशानियां न हों।
**शैक्षिक स्तर सुधार की ओर कदम**
निपुण एसेसमेंट टेस्ट का उद्देश्य बच्चों की शैक्षिक स्थिति का सही आकलन करना और उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सुधारात्मक कदम उठाना है। यह पहल बच्चों के शैक्षिक विकास में एक अहम भूमिका निभा सकती है। हालांकि, परीक्षा में सभी बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करना और तकनीकी समस्याओं को हल करना विभाग के लिए बड़ी चुनौती है।
इस परीक्षा से मिले परिणामों के आधार पर शिक्षकों और छात्रों के लिए विशेष कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे, जिससे बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हो सके।
