**ईपीएफओ यूएएन सक्रियता के लिए आधार आधारित सत्यापन अनिवार्य: कर्मचारियों को मिलेगा कई लाभ**
**दिल्ली, विशेष संवाददाता**: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों को अब अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) को सक्रिय बनाए रखने के लिए आधार आधारित सत्यापन करना अनिवार्य होगा। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इस संबंध में नियोक्ताओं (कंपनियों एवं फर्मों) को निर्देश जारी किए हैं। यह कदम ईपीएफओ सदस्यों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
**क्या है नया निर्देश?**
अब सभी यूएएन को आधार नंबर से लिंक किया जाएगा, और इसके बाद संबंधित मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) से सत्यापन करना होगा। इसके बाद ही कर्मचारी सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। पहले चरण में, नियोक्ताओं को अपने सभी कर्मचारियों के यूएएन को आधार ओटीपी के माध्यम से सक्रिय करने की प्रक्रिया को 30 नवंबर तक पूरा करना होगा। इसके बाद, अन्य कर्मचारियों के लिए भी सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत कर्मचारियों को अपनी पीएफ जानकारी को ऑनलाइन ट्रैक करना, पासबुक देखना, निकासी, अग्रिम व स्थानांतरण के दावे को ऑनलाइन जमा करने में सुविधा होगी।
**कर्मचारियों के लिए लाभ**
यह नई व्यवस्था कर्मचारियों के लिए कई फायदे लेकर आएगी। सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि वे आसानी से अपने पीएफ खाते का विवरण प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही, पीएफ पासबुक को ऑनलाइन देख और डाउनलोड कर सकेंगे। निकासी, अग्रिम, व स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन दावे जमा करने में भी उन्हें मदद मिलेगी। इसके अलावा, कर्मचारियों को व्यक्तिगत जानकारी को अपडेट करने और अपने दावों को ट्रैक करने में भी सुविधा होगी। इस प्रक्रिया से कर्मचारियों को ईपीएफओ कार्यालयों की दौड़भाग से बचने का अवसर मिलेगा।
**आने वाला दूसरा चरण**
दूसरे चरण में, यूएएन सक्रियता के साथ चेहरे की पहचान से जुड़ी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को अपनाया जाएगा। इससे प्रणाली और अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनेगी, और कर्मचारियों को डिजिटल माध्यम से सभी सुविधाएं मिल सकेंगी।
**ईएलआई योजना के लिए यूएएन सक्रियता जरूरी**
केंद्रीय बजट 2024-25 में सरकार ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की घोषणा की थी, जिसका लाभ अधिकतम नियोक्ता और कर्मचारी उठा सकें, इसके लिए मंत्रालय ने इस अभियान को बढ़ावा दिया है। इस योजना के तहत तीन प्रमुख प्रकार की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी:
1. **पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए**: ऐसे कर्मचारियों को 15,000 रुपये तीन किस्तों में उनके खातों में दिए जाएंगे। इसके लिए उनका मासिक वेतन एक लाख रुपये तक होना चाहिए।
2. **विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन**: इस योजना में रोजगार के पहले चार वर्षों के दौरान कर्मचारी और नियोक्ताओं को अंशदान से संबंधित वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिसका लाभ करीब 30 लाख लोगों को मिलेगा।
3. **नए कर्मचारियों के लिए प्रतिपूर्ति**: नई नौकरियों के लिए एक लाख रुपये से कम कमाने वाले कर्मचारियों के लिए सरकार नियोक्ता को दो वर्ष तक 3,000 रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति करेगी, जो ईपीएफओ अंशदान के लिए होगी।
**यूएएन सक्रिय करने की प्रक्रिया**
कर्मचारियों को अपना यूएएन सक्रिय करने के लिए सबसे पहले ईपीएफओ के आधिकारिक पोर्टल (https://www.epfindia.gov.in/) पर जाना होगा। वहां ‘सक्रिय यूएएन’ लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद, कर्मचारी को अपना यूएएन, आधार नंबर, नाम, जन्मतिथि और आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा हो। इसके बाद आधार ओटीपी सत्यापन को सहमति देनी होगी। सफल सत्यापन के बाद, कर्मचारी को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक पासवर्ड भेजा जाएगा, जिससे उनका यूएएन सक्रिय हो जाएगा।
**निष्कर्ष**
ईपीएफओ द्वारा निर्धारित यह नई प्रक्रिया कर्मचारियों को ऑनलाइन सेवाओं का अधिकतम लाभ उठाने का अवसर देगी। इससे कर्मचारियों को उनके भविष्य निधि (पीएफ) खाते से संबंधित सभी जानकारी आसानी से मिल सकेगी, साथ ही वे ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ भी उठा सकेंगे। सरकार की यह पहल न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि नियोक्ताओं के लिए भी सुविधाजनक होगी, क्योंकि यह पूरी प्रक्रिया को डिजिटल रूप में सुलभ और पारदर्शी बनाती है।
