**स्थानांतरण और नियुक्ति विभाग का विशेषाधिकार: कैट का फैसला**
**प्रयागराज।** केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण (कैट) ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति का निर्णय लेना संबंधित विभाग का विशेषाधिकार है। न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने यह टिप्पणी एडिशनल कमिश्नर, सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (सीजीएसटी), प्रयागराज के चेन्नई स्थानांतरण को चुनौती देने वाले प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए की।
### **स्थानांतरण विवाद का मामला**
आवेदक रुद्र प्रताप सिंह, जो कि एडिशनल कमिश्नर (सीजीएसटी) प्रयागराज के पद पर कार्यरत थे, का स्थानांतरण चेन्नई कर दिया गया। उन्होंने कैट में इस स्थानांतरण आदेश को चुनौती दी और 24 मई 2023 के स्थानांतरण आदेश व 29 मई 2023 के कार्यमुक्ति आदेश को रद्द करने की मांग की। साथ ही, उन्होंने एक नए स्थानांतरण आदेश पारित करने की भी प्रार्थना की।
### **न्यायालय की टिप्पणी**
न्यायमूर्ति ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा:
1. **स्थानांतरणीय पद का स्वभाव:** आवेदक भारतीय राजस्व सेवा का सदस्य हैं, और उनके पद का स्थानांतरणीय होना सेवा नियमों का हिस्सा है।
2. **समकक्ष पद पर स्थानांतरण:** आवेदक का स्थानांतरण उसी विभाग में समकक्ष पद पर किया गया है, इसलिए इसमें हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।
3. **दुर्भावना साबित नहीं:** स्थानांतरण आदेश में दुर्भावना का कोई सबूत नहीं पाया गया।
न्यायालय ने यह भी कहा कि स्थानांतरण और नियुक्ति का निर्णय विभाग का विशेषाधिकार है, और इसमें तब तक हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता, जब तक दुर्भावना या अन्य अनियमितता स्पष्ट रूप से साबित न हो।
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**बांके बिहारी मंदिर: अतिक्रमण हटाने पर हाईकोर्ट सख्त**
**प्रयागराज।** इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में बिना नोटिस की कार्रवाई पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिजवी की खंडपीठ ने दिया।
### **भीड़ प्रबंधन के लिए याचिका पर सुनवाई**
मामला बांके बिहारी मंदिर में भीड़ प्रबंधन को लेकर दाखिल जनहित याचिका से जुड़ा है। पहले कोर्ट ने मंदिर के आसपास कॉरिडोर बनाने और अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। 4 अक्टूबर 2024 के आदेश के तहत प्रशासन ने 81 अतिक्रमण वाले स्थान चिह्नित किए और हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
### **सरकार से जवाब तलब**
अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में बिना नोटिस की शिकायत पर अदालत ने सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी।
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**निष्कर्ष**
– **स्थानांतरण और नियुक्ति का अधिकार:** कैट का फैसला विभागीय अधिकार को रेखांकित करता है और सरकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण विवाद में हस्तक्षेप के लिए स्पष्ट मानक निर्धारित करता है।
– **भीड़ प्रबंधन और अतिक्रमण:** इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशासन की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए नागरिक अधिकारों का भी ध्यान रखने का निर्देश दिया है।