
प्रस्तुत मामला शिक्षा विभाग में अनुशासनहीनता और कर्तव्य के प्रति लापरवाही से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है। खण्ड शिक्षा अधिकारी राया द्वारा बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) को भेजी गई रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि शेरनी उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पूनम गर्ग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई कम्पोजिट ग्रांट का उपयोग नहीं किया, जिससे विद्यालय के महत्वपूर्ण कार्य बाधित हुए।
साथ ही, आरोप लगाया गया है कि शिक्षिका ने जुलाई 2024 में बाल्य देखभाल अवकाश (CCL) लिया, लेकिन इसका दुरुपयोग निजी कार्यक्रमों, जैसे शादी-विवाह और पार्टियों में शामिल होने के लिए किया। इस आधार पर खण्ड शिक्षा अधिकारी ने उनकी निलंबन की संस्तुति की। बीएसए ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और उन्हें खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय राया में सम्बद्ध कर दिया गया है।
यह घटना शिक्षा विभाग में अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। वित्तीय अनियमितता और अवकाश का दुरुपयोग दोनों ही गंभीर कदाचार के उदाहरण हैं। आगे की जांच और कार्यवाही इस प्रकरण के निष्कर्ष को निर्धारित करेगी।
