एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को राहत की उम्मीद: तबादले पर संशय बरकरार ✍️📚
प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में लंबे समय से ऑफलाइन तबादले का इंतजार कर रहे 1700 से अधिक शिक्षकों को अब कुछ राहत की उम्मीद जगी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया के लिए जारी एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) की मान्यता अगले सत्र तक बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। विभाग का कहना है कि इस पर शासन से जल्द सकारात्मक निर्णय आने की संभावना है।
धरना और संघर्ष की राह पर शिक्षक 🚩
24 सितंबर से बड़ी संख्या में शिक्षक संभल में माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी के आवास के सामने धरने पर बैठे हुए हैं।
- शिक्षकों ने इसके लिए नया मोर्चा भी बना लिया है।
- मंत्री और निदेशक की ओर से वार्ता का निमंत्रण मिला, लेकिन शिक्षक साफ कह चुके हैं कि वे तबादला सूची जारी होने तक वार्ता नहीं करेंगे।
शिक्षक संघ का कड़ा रुख ⚠️
उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा:
- शिक्षकों ने पूरी प्रक्रिया नियमपूर्वक पूरी की है।
- सरकार को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए तुरंत तबादला करना चाहिए।
- आंदोलनरत शिक्षकों पर की जा रही दंडात्मक व उत्पीड़नात्मक कार्रवाई रोकी जाए।
- अन्यथा पूरे प्रदेश में आंदोलन तेज किया जाएगा।
विभाग का आश्वासन 📝
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि प्रस्ताव शासन को भेजा गया है और जल्द ही उस पर निर्णय होगा।
- इस सत्र में तबादले की संभावना भले कम हो,
- लेकिन अगले सत्र में शिक्षकों को राहत मिलने की उम्मीद है।
सरकारी कलम की राय 🖊️
बार-बार के विलंब और अनिश्चितता ने शिक्षकों का धैर्य तोड़ दिया है।
- जब उन्होंने नियमानुसार आवेदन और प्रक्रिया पूरी कर ली, तो अब उन्हें धरनों और आंदोलनों पर मजबूर क्यों होना पड़ रहा है?
- एनओसी को अगले सत्र तक मान्यता देना एक आधा-अधूरा समाधान है।
- सरकार को चाहिए कि वह शिक्षकों की आवाज सुने और उन्हें तुरंत न्यायपूर्ण समाधान दे।
👉 आखिरकार शिक्षा व्यवस्था तभी मजबूत होगी जब शिक्षक सम्मानित और निश्चिंत होकर पढ़ा सकें।
क