निलंबित शिक्षक संतोष वर्मा के विद्यालय आने से बच्चों की उपस्थिति बहाल, प्रशासन ने किया सक्रिय हस्तक्षेप 🏫


निलंबित शिक्षक संतोष वर्मा के विद्यालय आने से बच्चों की उपस्थिति बहाल, प्रशासन ने किया सक्रिय हस्तक्षेप 🏫

नदवा, महमूदाबाद। विकास खंड महमूदाबाद के प्राथमिक विद्यालय नदवा में प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा द्वारा बीएसए कार्यालय में बेल्ट से पीटने की घटना के बाद स्कूल बंद होने की स्थिति में, निलंबित शिक्षक संतोष वर्मा के विद्यालय आने से विद्यार्थियों की उपस्थिति बहाल हुई।

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प्रशासन ने किया सक्रिय हस्तक्षेप 👮‍♂️

शनिवार की सुबह, संतोष वर्मा के आने पर ही बच्चों ने स्कूल जाना शुरू किया। इस दौरान एसडीएम बीके सिंह, सीओ वेद प्रकाश श्रीवास्तव, बीईओ सीमा सिंह चौहान, एआरपी नरेंद्र यादव, लेखपाल रमाकांत रावत और प्रभारी निरीक्षक सदरपुर सहित अन्य अधिकारियों ने विद्यालय का दौरा किया।

  • एसडीएम, बीईओ और एआरपी के साथ शिक्षक संतोष वर्मा की उपस्थिति में विद्यार्थियों द्वारा प्रार्थना संपन्न कराई गई।
  • इसके बाद सभी बच्चे अपनी-अपनी कक्षाओं में चले गए।
  • लगभग साढ़े 10 बजे जिलाधिकारी अभिषेक आनंद और पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल भी विद्यालय पहुंचे और बच्चों से मिलकर उन्हें नियमित स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया।
  • अधिकारियों ने बच्चों को चाकलेट भी बांटी, ताकि उनका उत्साह बढ़े।

ग्रामीणों से बातचीत और आश्वासन 🗣️

डीएम व एसपी ने ग्रामीणों से प्रकरण की विस्तृत जानकारी ली और उनके समस्याओं को सुना। उन्होंने बच्चों के हित में हर संभव कदम उठाने और निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

घटना की पृष्ठभूमि 📌

  • प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा का मंगलवार को बीएसए कार्यालय में बेल्ट से पीटने का सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ।
  • इसके बाद आरोपी शिक्षक को जेल भेजा गया।
  • सहायक अध्यापिका अवंतिका वर्मा को बीएसए ने निलंबित कर बीआरसी महमूदाबाद में संबद्ध किया।
  • पहले से निलंबित शिक्षक संतोष वर्मा को विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए महमूदाबाद के पलियाकलां से नदवा में संबद्ध किया गया।

प्रशासन का संदेश ✍️

इस पूरी कार्रवाई से स्पष्ट हुआ कि शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन बच्चों की नियमित उपस्थिति और स्कूल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतर्क हैं।
बीईओ, एसडीएम और पुलिस की सक्रिय उपस्थिति ने न केवल बच्चों की पढ़ाई बहाल की, बल्कि ग्रामीणों और स्कूल स्टाफ को यह संदेश दिया कि शिक्षा को बाधित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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