इलाहाबाद हाईकोर्ट का नया कीर्तिमान – एक साथ 24 जजों ने ली शपथ ⚖️
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को न्यायपालिका के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। एक साथ 24 नए न्यायाधीशों की शपथ लेकर हाईकोर्ट ने आठ साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे पहले वर्ष 2017 में 19 जजों ने और 2018 में 16 जजों ने एक साथ शपथ ली थी।
📌 रिकॉर्ड और आंकड़े
- वर्ष 2017 : 19 जज (सभी बार से)
- वर्ष 2018 : 16 जज (15 बार से)
- वर्ष 2025 : 24 जज (12 बार से, 14 न्यायिक अधिकारी)
- अब तक सबसे अधिक कार्यरत जज : वर्ष 2018 में 112
- वर्तमान में कुल संख्या : 109 जज
शपथ ग्रहण समारोह 🏛️
नए जजों की अधिक संख्या के कारण समारोह हाईकोर्ट की बहुमंजिला पार्किंग भवन के 12वें तल स्थित लाइब्रेरी हॉल में हुआ।
चीफ जस्टिस अरुण भंसाली ने नियुक्त जजों को शपथ दिलाई। समारोह की शुरुआत में राज्यपाल की ओर से आए संचार को सीनियर रजिस्ट्रार ने पढ़ा।
नए चेहरों की खासियत ✨
शपथ लेने वाले जजों में ऐसे नाम भी शामिल हैं जिन्होंने वकालत के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बनाई।
- सिद्धार्थ नंदन – वरिष्ठ अधिवक्ता टीपी सिंह के पुत्र, लंदन विश्वविद्यालय से एलएलएम, 45 महत्वपूर्ण मामलों में उल्लेखनीय भूमिका।
- कुणाल रवि सिंह – विधि विशेषज्ञ वीकेएस चौधरी के प्रपौत्र व न्यायमूर्ति यतींद्र सिंह के भतीजे। क्रिकेट में ऑलराउंडर, वकीलों की भारतीय टीम का हिस्सा, जिन्हें फ्लिंटॉफ कहा जाता था।
- गरिमा प्रसाद और स्वरूपमा चतुर्वेदी – सुप्रीम कोर्ट की चर्चित अधिवक्ता।
- कई नए जजों ने खेल, शिक्षा और सामाजिक गतिविधियों में भी योगदान दिया है।
महानिबंधक की नियुक्ति 🖋️
जजों की शपथ के बाद हाईकोर्ट प्रशासन ने बुलंदशहर के जिला जज मंजीत सिंह श्योरण को हाईकोर्ट का महानिबंधक (Registrar General) नियुक्त किया। यह पद न्यायमूर्ति बने राजीव भारती के बाद रिक्त था।
मुकदमों के बोझ के बीच राहत 🙌
इलाहाबाद हाईकोर्ट एशिया का सबसे बड़ा हाईकोर्ट है, लेकिन भारी संख्या में मुकदमों के बोझ से जूझता रहा है।
कई बार जजों की कमी के कारण लंबित मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी। कुछ माह पहले यहां सिर्फ 79 जज कार्यरत थे। नए जजों की नियुक्ति से उम्मीद है कि न्याय वितरण की रफ्तार बढ़ेगी और लंबित मामलों में कमी आएगी।
✍️ सरकारी कलम की राय :
इलाहाबाद हाईकोर्ट में 24 जजों का एक साथ शपथ लेना सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि न्यायपालिका में नई ऊर्जा का प्रतीक है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह कदम आम लोगों को त्वरित और सुलभ न्याय दिलाने में सहायक होगा।