करूर हादसा: थलापति विजय की रैली में भगदड़, 36 की मौत, 50 से अधिक घायल ✍️
तमिलनाडु के करूर में शनिवार को अभिनेता से नेता बने थलापति विजय की रैली में मची भगदड़ ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। ‘वेलिचम वेलीयरु’ नाम से आयोजित इस राजनीतिक रैली में उम्मीद से दोगुनी भीड़ उमड़ी, जिसके कारण मची अफरा-तफरी में 36 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
हादसे का सिलसिला कैसे शुरू हुआ?
यह रैली विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) द्वारा करूर-एरोड हाईवे स्थित वेलुसम्यपुरम में आयोजित की गई थी। अनुमति 30 हजार लोगों की थी, लेकिन वास्तविकता में 60 हजार से अधिक लोग पहुंच गए।
शाम लगभग 7:45 बजे भीड़ अचानक मंच की ओर दौड़ी। कुछ लोग गिर पड़े और देखते ही देखते भगदड़ मच गई। दबने और कुचले जाने से महिलाओं और बच्चों समेत कई लोगों की जान चली गई।
त्वरित राहत और इलाज
घायलों को तुरंत करूर जिला अस्पताल, एरोड और त्रिची मेडिकल कॉलेज भेजा गया। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थीरू सुब्रमण्यम ने बताया कि मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
सीएम स्टालिन का मुआवज़ा और जांच आयोग
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
उन्होंने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का आदेश भी दिया है। साथ ही सभी अस्पतालों को घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए गए हैं।
विजय और पीएम मोदी की संवेदनाएं
थलापति विजय ने ट्वीट कर कहा –
“मैं असहनीय पीड़ा में हूँ। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके साथ मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताते हुए कहा –
“अपने प्रियजनों को खो चुके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। इस कठिन समय में उन्हें शक्ति मिले और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।”
गृह मंत्रालय की सख्ती
हादसे की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और शुरुआती जानकारी जल्द उपलब्ध कराने को कहा है।
फिल्म से राजनीति तक का सफर
थलापति विजय तमिल सिनेमा के सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में गिने जाते हैं। उन्होंने हाल ही में राजनीति में कदम रखते हुए भ्रष्टाचार मुक्त शासन और सामाजिक न्याय का संकल्प लिया था। उनकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी रैली में उम्मीद से दोगुनी भीड़ उमड़ी।
सरकारी कलम का निष्कर्ष 🖊️
करूर का यह हादसा सिर्फ एक रैली का हादसा नहीं, बल्कि भीड़ प्रबंधन और प्रशासनिक तैयारी पर गंभीर सवाल है।
👉 किसी भी नेता की लोकप्रियता जितनी बड़ी होती है, उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी भी उसके कंधों पर होती है।
👉 अब ज़रूरत है कि ऐसी घटनाओं से सबक लेकर सुरक्षा और व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, ताकि राजनीति का जनसंपर्क लोगों की जान के जोखिम पर न हो।