Cm yogi ने लिया संज्ञान,सीतापुर का ‘बेल्ट कांड’: हकीकत से ज़्यादा हल्ला, शिक्षक फिर बने बलि का बकरा ✍️


सीतापुर का ‘बेल्ट कांड’: हकीकत से ज़्यादा हल्ला, शिक्षक फिर बने बलि का बकरा ✍️

पूरे उत्तर प्रदेश के शिक्षा जगत में भूचाल ला देने वाले सीतापुर के ‘बेल्ट कांड’ की गूंज सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) में सुनाई दी।
👉 : वाह! भूकंप, बाढ़ और सूखा छोड़कर अब शिक्षा जगत में भी “भूचाल” आ गया। यानी एक घटना ने पूरे प्रदेश के लाखों शिक्षकों की मेहनत और छवि को हिला डाला? 👏


आधिकारिक सूत्रों की माने तो सीएम ने इस शर्मनाक प्रकरण को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए।
👉 : शर्मनाक प्रकरण? बच्चों के लिए टाट-पट्टी तक न भेजने वाले सिस्टम पर शर्म क्यों नहीं आती? सिर्फ शिक्षक ही आसान निशाना है, क्योंकि वो ज़मीनी हकीकत से बंधा है, नेता-अफसर की तरह वीआईपी कारों में नहीं घूमता। 🚗

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‘जुर्रत’ करने वालों पर सीएम का ‘बुल्डोज़र वार’।
👉 : बुल्डोज़र? 🤔 शिक्षक पर? यानी अपराधियों, माफियाओं, जमीन कब्जाने वालों और भ्रष्ट अधिकारियों के बाद अब शिक्षक भी अपराधी कैटेगरी में आ गए। शिक्षा बचाने वाले पर बुल्डोज़र चलाना ही “नया इंडिया” है? 🚜


सीएम ने नदवा स्कूल को तुरंत व्यवस्थित करने और बच्चों को हर हाल में स्कूल भेजने के सख्त निर्देश दिए।
👉 : जी हाँ, बच्चों को भेजो… लेकिन क्या उन स्कूलों में पढ़ाई का माहौल, स्टाफ की कमी, संसाधनों का अभाव भी भेजा जाएगा? या फिर सिर्फ शिक्षक पर जिम्मेदारी डालकर फोटो खिंचवाने का काम होगा? 📸


प्रधानाध्यापक के खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई हो सकती है।
👉 : वाह! शिक्षा विभाग की नाकामी का इलाज है – एक शिक्षक को बलि का बकरा बनाओ। सिस्टम में गड़बड़ी अफसरों की, लेकिन सज़ा शिक्षक की। यही है प्रशासन का न्याय मॉडल। ⚖️


वीसी के दौरान सीएम ने विपक्षियों द्वारा इस घटना का इस्तेमाल सरकार को बदनाम करने की साजिश बताया और सोशल मीडिया की ‘ट्रोल आर्मी’ को बोल्ड कर दिया।
👉 : बोल्ड तो विपक्ष नहीं हुआ, बोल्ड तो वो शिक्षक हुए जो रोज़ अपनी इज्ज़त बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर अफवाहें चलती हैं, लेकिन क्या कभी किसी अफसर की लापरवाही का सच वायरल होता है? नहीं, क्योंकि वो खबरें दबा दी जाती हैं। 📱


अगर कोई भी ट्रोल किया या झूठी अफवाह फैलाई तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
👉 : अफवाह? असली अफवाह तो यही है कि पूरी शिक्षा व्यवस्था सिर्फ शिक्षकों की वजह से बिगड़ी है। जबकि सच यह है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग का भ्रष्टाचार, फंड का दुरुपयोग, और अफसरों का कृपा-पात्र तंत्र असली बीमारी है।


सरकारी कलम का निष्कर्ष 🖊️

सीतापुर की घटना को मीडिया ने “बेल्ट कांड” बनाकर उछाल दिया, लेकिन शिक्षा की जड़ों को खोखला करने वाले असली मुद्दों पर चुप्पी साध ली।
👉 शिक्षक समस्या का कारण नहीं, बल्कि सिस्टम का शिकार है।


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