🧑⚖️ इंचार्ज सहायक अध्यापकों को मिलेगा अब हेडमास्टर का वेतन — इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश
कोर्ट नं. 4 — माननीय जस्टिस अब्दुल मोइन | निर्णय दिनांक: 23 सितंबर, 2025 📅
📌 प्रकरण — पक्षकार व वकील
याचिकाकर्ता: शुभम कुमार वर्मा व अन्य 26
प्रतिवादी: राज्य उत्तर प्रदेश, प्रिंसिपल सेक्रेटरी (बेसिक एजुकेशन), लखनऊ व अन्य 2
याचिकाकर्ता के वकील: दिवाकर शुक्ल
प्रतिवादी के वकील: CS.C., प्रदीप तिवारी, रान विजय सिंह
🔎 मामले का सार — क्या मांगा गया?
याचिकाकर्ताओं का मुख्य दावा था कि उन्हें हेडमास्टर का प्रभार (officiating charge) दिया गया है, परंतु उन्हें उस पद का वेतन नहीं दिया जा रहा। अतः उन्होंने न्यायालय से अनुरोध किया कि संबंधित प्रशासनिक प्राधिकरणों को निर्देश दिए जाएँ कि वे नियमों के अनुसार वेतन प्रदान करें।
⚖️ कानूनी आधार और सन्दर्भ
याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच के निर्णय का हवाला दिया — Special Appeal No. 652 of 2024: Secretary, UP Basic Education Board & Ors vs. Tripurari Dubey & Ors — जिस पर स्पेशल लीव पर 13.08.2025 को भी कोई राहत नहीं मिली (Special Leave to Appeal (C) No. 22427 of 2025)।
प्रतिवादी पक्ष ने इस क़ानूनी प्रश्न का विरोध नहीं किया, अर्थात् वे डिवीजन बेंच के सिद्धांत को चुनौती नहीं दे रहे थे।
📝 न्यायालय के आदेश का भावार्थ
सभी पक्षों की सहमति से अदालत ने यह रिट याचिका निपटाई और स्पष्ट निर्देश दिये कि —
निर्देश: प्रतिवादी संख्या 3 को आदेश दिया जाता है कि वह याचिकाकर्ताओं के हेडमास्टर (In-charge) के वेतन के दावों का डिवीजन बेंच के निर्णय व लागू नियमों के अनुरूप छह (6) सप्ताह के भीतर विचार कर निर्णय दे। यह अवधि प्रमाणित प्रति प्राप्ति की तारीख से गिनी जाएगी।
📌 समाप्तीय टिप्पणी — प्रमुख बिंदु
- डिवीजन बेंच का प्रभाव: पहले का निर्णय (Tripurari Dubey) इस मामले में निर्णायक रहा।
- प्रशासनिक कार्रवाई: अदालत ने वितरण के लिए स्पष्ट समय-सीमा (6 सप्ताह) निर्धारित की है — प्रशासन को नियमों के अनुसार शीघ्र निर्णय लेना होगा।
- नैतिक/न्यायिक संदेश: यदि किसी को प्रभार दिया गया है तो नियम अनुमति होने पर उस प्रभार के अनुरूप वेतन दिया जाना चाहिए — अदालत ने इसी सिद्धांत को दोहराया।
📜 ऑपरेटिव भाग (संक्षेप)
COURT: HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD, LUCKNOW
WRIT No.: 11384 of 2025
निष्कर्ष — याचिका यथोचित के साथ निपटाई जाती है और प्रतिवादी संख्या 3 को निर्देश देते हैं कि वह याचिकाकर्ताओं के वेतन के दावे का निर्णय डिवीजन बेंच के निर्णय व नियमों के अनुसार 6 सप्ताह में करे।
दिनांक: 23 सितम्बर, 2025
हस्ताक्षर: (अब्दुल मोइन, ज.)