अनिवार्य टीईटी को लेकर सीएम से मिले एमएलसी देवेंद्र सिंह 📚⚖️

अनिवार्य टीईटी को लेकर सीएम से मिले एमएलसी देवेंद्र सिंह 📚⚖️

सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) को अनिवार्य किए जाने के फैसले से प्रदेश के शिक्षकों में भविष्य को लेकर गहरी चिंता पैदा हो गई है। इसी मुद्दे पर भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग की।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला और शिक्षकों की चिंता 😟

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी परीक्षा अनिवार्य होगी। इस निर्णय से प्रदेश भर के हजारों शिक्षकों और अभ्यर्थियों की धड़कनें तेज हो गई हैं।

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

कई शिक्षकों का कहना है कि अलग-अलग समय पर अलग-अलग योग्यताएं तय की गई थीं, जिनमें इंटर, बीपीएड-सीपीएड, बीएड जैसी डिग्रियां प्राथमिक स्तर पर मान्य थीं। अब अचानक टीईटी को अनिवार्य करने से उनका भविष्य अंधकारमय होने का खतरा है।

एमएलसी देवेंद्र सिंह की पहल 🙏

भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मुद्दे पर विशेष मुलाकात की। उन्होंने आग्रह किया कि:

  • राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करे।
  • सरकार अपनी विधायी शक्तियों का प्रयोग करके नया कानून बनाए या संशोधित करे।
  • ऐसा समाधान निकाला जाए जिससे पहले से योग्य माने जा चुके शिक्षक और अभ्यर्थी अवसर से वंचित न हों।

निराशा से उम्मीद तक — शिक्षकों की प्रतिक्रिया 🌱

शिक्षक संगठनों का कहना है कि इस फैसले से हजारों परिवारों का भविष्य प्रभावित होगा। कई लोग नौकरी खोने या भर्ती से बाहर होने के डर से परेशान हैं। लेकिन एमएलसी की पहल और मुख्यमंत्री से हुई चर्चा ने शिक्षकों में नई उम्मीद जगाई है।

सीएम का रुख — मिला आश्वासन 🤝

एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया है। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए समुचित समाधान निकालेगी।

आगे की राह — क्या हो सकता है समाधान? 🔍

संभावित कदमों पर विचार:

  1. सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करना।
  2. राज्य सरकार द्वारा नया कानून या संशोधन लाना।
  3. टीईटी को लागू करने के लिए ट्रांज़िशन पीरियड देना ताकि पहले से योग्य माने जा चुके अभ्यर्थियों को अवसर मिले।
निष्कर्ष: सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने जहां शिक्षकों में चिंता पैदा की है, वहीं मुख्यमंत्री और एमएलसी के बीच हुई बातचीत से उम्मीद की किरण भी जगी है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार शिक्षकों के हित में कौन सा कदम उठाती है। 📖

📢 क्या आप भी इस फैसले से प्रभावित हैं? अपनी राय हमें लिख भेजें और इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी आवाज़ बुलंद करें।

© विशेष संवाददाता — लखनऊ

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top