यूपी बोर्ड में जीवविज्ञान अध्यापक भर्ती के लिए नई शैक्षिक अर्हता तय 📚
हाईस्कूल स्तर पर जीवविज्ञान पढ़ाने के लिए अब तय होंगे नए नियम
यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल (कक्षा 9–10) स्तर पर जीवविज्ञान विषय पढ़ाने के लिए सहायक अध्यापक भर्ती की शैक्षिक अर्हता को स्पष्ट करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। यह प्रस्ताव शिक्षा निदेशक के माध्यम से शासन को भेजा गया है और जल्द ही इसकी मंजूरी मिलने की संभावना है।
प्रस्ताव में क्या है नया?
- स्नातक (Graduation): अभ्यर्थी के पास जंतु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान विषय के साथ स्नातक डिग्री होनी चाहिए।
- बीएड (B.Ed.) अनिवार्य: पढ़ाने के लिए शैक्षिक प्रशिक्षण को अनिवार्य किया गया है।
- विज्ञान विषय को पढ़ाने के लिए विद्यालयों में अब अलग से विज्ञान अध्यापक और जीवविज्ञान अध्यापक दोनों की नियुक्ति का प्रावधान होगा।
क्यों जरूरी पड़ा यह बदलाव?
- यूपी बोर्ड हाईस्कूल की विज्ञान परीक्षा में जीवविज्ञान से संबंधित प्रश्नों का मूल्यांकन जीवविज्ञान विषय के विशेषज्ञ अध्यापक ही करते हैं।
- अब तक इस पद के लिए शैक्षिक अर्हता रिक्त थी, जिससे भर्ती प्रक्रिया स्पष्ट नहीं थी।
- नई व्यवस्था से योग्य और विषय विशेषज्ञ अध्यापकों की नियुक्ति सुनिश्चित होगी।
इंटरमीडिएट स्तर पर भी बदलाव
- नागरिक शास्त्र (Civics) प्रवक्ता भर्ती: राजनीति विज्ञान/राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि और बीएड अनिवार्य।
- भूगोल प्रवक्ता भर्ती: भूगोल विषय में स्नातकोत्तर डिग्री अनिवार्य।
पहले नागरिक शास्त्र के लिए राजनीति शास्त्र में परास्नातक स्पष्ट रूप से उल्लेखित नहीं था और भूगोल के लिए भी अर्हता स्पष्ट नहीं थी।
इसका फायदा किसे होगा?
- जीवविज्ञान विषय में पढ़ाई कर चुके और बीएड धारक अभ्यर्थियों को अब सहायक अध्यापक बनने का स्पष्ट अवसर मिलेगा।
- विद्यालयों में विज्ञान शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी।
- छात्रों को विषय विशेषज्ञों से बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा।