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🔥 अगला नम्बर आपका है! – शिक्षक सम्मान या अपमान?
🧑🏫 **जलते घर को देखने वालों फूस का छप्पर आपका है… अगला नम्बर आपका है!**
जलते घर को देखने वालों फूस का छप्पर आपका है,
आपके पीछे तेज़ हवा है आगे मुकद्दर आपका है,
उसके क़त्ल पे मैं भी चुप था मेरा नम्बर अब आया,
मेरे क़त्ल पे आप भी चुप हैं, अगला नम्बर आपका है।
📌 न्याय या अन्याय?
जब एक शिक्षक लगभग 50 वर्षों की वैधानिक सेवा देकर, सारे मापदंड पूरे करके नौकरी पाता है और जीवन का अधिकांश हिस्सा शिक्षण कार्य को समर्पित कर देता है, तो अचानक से नए नियम बनाकर उसे “अल्प योग्य” कहना क्या न्याय है?
अगर आज शिक्षकों पर यह तलवार लटक सकती है, तो क्या कल यही हाल अन्य विभागों का भी होगा? क्या सभी विभागों में अब सेवानिवृत्ति के समय नई परीक्षाएं आयोजित होंगी?
⚖️ दोहरा मापदंड क्यों?
- जज सेवा में रहते हुए खुद पदोन्नति की परीक्षा पास नहीं कर पाते, फिर भी सम्मानित रहते हैं।
- अन्य विभागों में वर्षों की सेवा को योग्यता माना जाता है।
- परंतु शिक्षकों के मामले में – अनुभव नहीं, नई परीक्षा अनिवार्य!
🚨 खतरे की घंटी
आज शिक्षक दिवस पर जिन शिक्षकों को सम्मानित कर “सेवा विस्तार” दिया जा रहा है, उनकी नौकरी पर ही संकट मंडरा रहा है। यदि कल को यही नीति अन्य विभागों पर लागू हुई तो क्या होगा?
🙏 शिक्षक समाज की अपील
प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री से निवेदन है कि अनुभव को ही सर्वोच्च योग्यता माना जाए। किसी भी शिक्षक की सेवा समाप्त करने से पहले उसकी वर्षों की मेहनत और योगदान का सम्मान किया जाए।
🗣️ निष्कर्ष
आज शिक्षकों के साथ जो हो रहा है, कल अन्य कर्मचारियों के साथ भी हो सकता है। अब भी चुप रहे तो अगला नम्बर आपका है! ⚠️