टीईटी अनिवार्यता पर मचा बवाल: शिक्षक सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे पुनर्विचार याचिका! ⚖️
कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों की सेवा जारी रखने और पदोन्नति के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करना अनिवार्य करने के फैसले को लेकर देशभर के शिक्षकों में नाराज़गी बढ़ गई है।
अब शिक्षक संघ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं।
क्या है मामला? 📰
- हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि कक्षा 1–8 के शिक्षकों को पदोन्नति और नौकरी जारी रखने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य होगा।
- जिनकी सेवा 5 साल से कम बची है, वे रिटायरमेंट तक पढ़ा सकते हैं, लेकिन पदोन्नति नहीं मिलेगी।
- जिनकी सेवा 5 साल से अधिक बची है, उन्हें 2 साल में टीईटी पास करना होगा।
क्यों दाखिल होगी पुनर्विचार याचिका? ⚖️
- शिक्षकों का कहना है कि कई राज्यों को नोटिस दिए बिना पूरे देश के लिए आदेश सुनाना न्यायसंगत नहीं।
- दो साल का समय बहुत कम, कोर्ट से इसे बढ़ाने की मांग होगी।
- यह फैसला सिर्फ सरकारी ही नहीं, बल्कि सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों पर भी लागू।
कितने शिक्षक होंगे प्रभावित? 👨🏫
- देशभर में लाखों शिक्षक प्रभावित।
- उत्तर प्रदेश में ही 2–2.5 लाख शिक्षक इस फैसले के दायरे में।
- पदोन्नति के इच्छुक शिक्षकों को अपर प्राइमरी टीईटी भी पास करना होगा।
शिक्षक संघों की राय 🗣️
- राहुल पांडेय (पूर्व जिला अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ): सभी शिक्षकों को संगठित होकर लड़ाई लड़नी होगी।
- अनिल यादव (राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया बीटीसी शिक्षक संघ): यह फैसला वरिष्ठ शिक्षकों के लिए चुनौतीपूर्ण।
- सुप्रीम कोर्ट वकील राकेश मिश्रा: पुनर्विचार याचिका जल्द दाखिल करेंगे।
क्या होगा आगे? 🔍
- अगर कोर्ट समयसीमा बढ़ाता है, तो शिक्षकों को ज्यादा अवसर मिलेंगे।
- शिक्षक संघ पुनर्विचार याचिका के साथ सरकार से भी हस्तक्षेप की मांग करेंगे।
क्या आपको लगता है कि वरिष्ठ शिक्षकों (55+ आयु) को टीईटी से छूट मिलनी चाहिए?
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