प्रमोशन में टीईटी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, देखें कोर्ट रूम से ऑपरेटिव पार्ट, सुने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: पदोन्नति में TET अनिवार्य, 5 वर्ष शेष सेवा वाले शिक्षकों को छूट
📢 शिक्षकों के लिए पदोन्नति नियमों में बड़ा बदलाव आया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अब से पदोन्नति में TET (Teacher Eligibility Test) अनिवार्य होगा।
🔹 किन शिक्षकों को TET से छूट मिलेगी?
- 29 जुलाई 2011 के बाद नियुक्त वे शिक्षक जिनकी सेवा अवधि केवल 5 वर्ष शेष है, उन्हें संविधान के अनुच्छेद 142 के अंतर्गत TET से छूट प्रदान की गई है।
- ऐसे शिक्षक बिना TET उत्तीर्ण किए भी पदोन्नति के लिए पात्र रहेंगे।
🔹 किन्हें TET अनिवार्य रूप से पास करना होगा?
- जिन शिक्षकों की सेवा अवधि 5 वर्ष से अधिक शेष है, उन्हें दो वर्ष के भीतर TET उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा।
- ऐसा न करने पर सेवा समाप्ति (Termination) की कार्रवाई हो सकती है।
- जिनका प्रमोशन पहले ही हो चुका है, लेकिन उन्होंने TET पास नहीं किया है, उन्हें भी दो वर्ष में TET क्वालीफाई करना होगा, अन्यथा उन्हें रिटायरमेंट बेनिफिट देकर सेवा से बाहर किया जा सकता है।
🔹 अल्पसंख्यक विद्यालयों पर प्रभाव
- सुप्रीम कोर्ट ने Pramati Educational and Cultural Trust बनाम Union of India (2014) मामले को बड़ी पीठ (Larger Bench) के समक्ष भेजा है।
- अब यह तय किया जाएगा कि अल्पसंख्यक संस्थानों पर शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) और TET नियम किस हद तक लागू होंगे।
🔹 मुख्य बिंदु संक्षेप में
- पदोन्नति में TET सभी के लिए अनिवार्य (कुछ अपवादों को छोड़कर)।
- 5 वर्ष शेष सेवा वालों को स्थायी छूट।
- 5 वर्ष से अधिक सेवा वालों को 2 साल की मोहलत।
- प्रमोशन प्राप्त शिक्षकों को भी 2 वर्ष में TET पास करना जरूरी।
- अल्पसंख्यक विद्यालयों का मामला अब बड़ी पीठ तय करेगी।
✍️ सरकारी कलम की राय
यह फैसला उन शिक्षकों के लिए राहत लेकर आया है जो सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं, लेकिन साथ ही यह युवा शिक्षकों के लिए एक सख्त चेतावनी भी है कि बिना TET के न तो नई भर्ती में और न ही पदोन्नति में जगह मिलेगी।