आयकर रिफंड कब मिलेगा? जानिए पूरी प्रक्रिया, समयसीमा और देरी के कारण 🏦
आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने के बाद करदाता का सबसे बड़ा सवाल यही होता है – “रिफंड कब तक मिलेगा?” खासकर तब, जब आपने जरूरत से ज्यादा आयकर जमा कर दिया हो। आइए जानते हैं, रिफंड प्रक्रिया कैसे काम करती है, कितने समय में पैसा वापस आता है और किन वजहों से देरी हो सकती है।
रिफंड की प्रक्रिया कब शुरू होती है? ⏳
आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, रिटर्न दाखिल करने के तुरंत बाद ही रिफंड प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
- अगर ई-सत्यापन समय पर (30 दिन के भीतर) हो जाता है, तो आमतौर पर 15 दिन से 2 महीने में रिफंड मिल जाता है।
- अगर सत्यापन देरी से हुआ या गलत बैंक विवरण दिए गए हैं, तो रिफंड अटक सकता है।
रिफंड की स्थिति ऐसे जांचें 🔍
- आयकर विभाग के पोर्टल www.incometax.gov.in पर जाएं।
- यूजर आईडी (PAN) और पासवर्ड से लॉगिन करें।
- ‘My Account’ पर क्लिक करें → ‘Refund/Demand Status’ चुनें।
- पावती संख्या (Acknowledgement Number) पर क्लिक करें।
- यहां आपकी रिफंड से जुड़ी पूरी जानकारी दिख जाएगी।
अलग-अलग ITR के लिए रिफंड समयसीमा 📅
- ITR-1 (फॉर्म 16 वाले वेतनभोगी कर्मचारी): 10–15 दिन
- ITR-2: 20–45 दिन
- ITR-3 (व्यवसाय/प्रोफेशनल आय वाले): लगभग 2 महीने
रिफंड में देरी क्यों होती है? ⚠️
- बैंक खाता पूर्व-सत्यापित न होना
- बैंक खाते का गलत विवरण
- ITR में गलत या अधूरी जानकारी
- ITR की स्क्रूटनी लगना
- आय की गलत गणना
- पिछली कर देनदारी होना
रिफंड में देरी होने पर क्या करें? 📨
- सबसे पहले ईमेल जांचें: विभाग रिफंड से जुड़ी जानकारी वहीं भेजता है।
- अगर रिफंड खारिज हुआ है, तो दोबारा अनुरोध (Reissue Request) कर सकते हैं।
- अगर दावा लंबित है, तो शीघ्र निपटारे के लिए Request डाल सकते हैं।
संपर्क कैसे करें? ☎️
- हेल्पलाइन नंबर: 1800-103-4455
- ईमेल: ask@incometax.gov.in
निष्कर्ष
रिफंड जल्दी पाने के लिए ITR सही तरह से भरें, समय पर ई-सत्यापित करें और बैंक विवरण अपडेट रखें। अगर कोई गलती हुई है, तो संशोधित रिटर्न (Revised Return) दाखिल करने में देरी न करें। सही प्रक्रिया अपनाकर आप बिना परेशानी के अपना रिफंड समय पर पा सकते हैं।